राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय चार गुना बढ़ी है। प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय वित्तीय वर्ष 2011-12 में 38,497 रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक लाख 42 हजार 565 रुपये हो गई है। पिछले वर्ष की तुलना (1,32, 010) में प्रति व्यक्ति आय में 10 हजार 55 रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद स्थिर भावों पर भी प्रति व्यक्ति शुद्ध आय 38 हजार 497 से बढ़कर 66 हजार 441 रुपये हो गई है। सकल राज्य मूल्य वर्धित (जीएसवीए) में कृषि उत्पादकता में सकारात्मक रुझान, औद्योगिक स्थिरता और सेवा क्षेत्र में निरंतर वृद्धि हुई है। वहीं, प्रदेश की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) भी बढ़कर 13 लाख 63 हजार 327 करोड़ हो गई है।
पिछले वित्तीय वर्ष की जीएसडीपी 12 लाख 46 हजार 471 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 9.37 प्रतिशत की वृद्धि कृषि, उद्योग और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में हुई है। यह आंकड़े आर्थिक सर्वेक्षण के हैं, जो प्रदेश सरकार द्वारा बजट से एक दिन पूर्व मंगलवार को जारी किए गए हैं। वर्ष 2023-24 के लिए स्थित भावों पर जीएसडीपी छह लाख 60 हजार 363 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष से छह लाख 22 हजार 908 करोड़ रुपये से अधिक है। यानी इसमें लगभग 6.01 प्रतिशत वास्तविक वृद्धि हुई है।
इससे स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था न केवल बढ़ रही है बल्कि उत्पादन और सेवाओं में वास्तविक लाभ भी प्राप्त कर रही है। कृषि में उन्नति, औद्योगिक विकास और विशेष रूप से आइटी व पर्यटन में बढ़ता हुआ सेवा क्षेत्र सामूहिक रूप से राज्य के आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण मध्य प्रदेश की उत्कृष्ट आर्थिक प्रगति को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश आर्थिक समृद्धि के नए सोपान तय करेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा अनुसार देश की पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने भरपूर सहयोग देगा।
जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री/वित्त मंत्री, मप्र
कृषि और ग्रामीण विकास जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में वर्ष 2011-12 में 33.85 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 45.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। स्थित भावों पर वर्ष 2011-12 में 33.85 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 35.82 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं प्रचलित भावों पर प्राथमिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 45.17 प्रतिशत से बढ़कर 45.53 प्रतिशत हो गई। यह वृद्धि फसलों (32.29% से 32.32%) और पशुधन (7.51% से 7.84%) के स्थित योगदान से प्रेरित है जो कृषि उत्पादकता और पशुधन विकास को दर्शाती है।
मत्स्य पालन और और जलीय कृषि में भी 0.50 प्रतिशत से 0.53 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई। खनन और उत्खनन में 2.59 प्रतिशत से 2.67 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। वहीं स्थिर भावों में पशुधन का योगदान 6.02 प्रतिशत से 6.18 प्रतिशत हो गया और मत्स्य पालन व जलीय कृषि 0.50 प्रतिशत से बढ़कर 0.54 प्रतिशत हो गई है। खनन और उत्खनन में भी 2.8 से 2.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रचलित और स्थित भावों पर द्वितीय क्षेत्र जैसे विद्युत, गैस, जल आपूर्ति, निर्माण और अन्य उपयोगी सेवाएं में उतार चढ़ाव रहा है। प्रचलित भाव 2011-12 में 27.09 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2023-24 में 18.47 प्रतिशत हो गया। जबकि स्थिर भाव पर यह 27.09 प्रतिशत से घटकर 24.54 प्रतिशत हो गया।
मप्र की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में सर्विस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रचलित मूल्यों पर इसका योगदान 39.06 प्रतिशत से घटकर 36 प्रतिशत रह गया, वहीं स्थिर मूल्य पर यह 39.06 से बढ़कर 39.64 प्रतिशत हुआ है।