विश्वास चतुर्वेदी, भोपाल। राजधानी की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट, जहां से कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा आसान जीत मान रहे थे। लेकिन मतगणना के बाद आए नतीजों ने सबको चौंका दिया। इस सीट को भाजपा ने फिर अपने कब्जे में कर लिया। हालांकि टिकट वितरण के बाद से भगवान दास सबनानी को भाजपा कार्यकर्ताओं से भितरघात का डर बना हुआ था। कांग्रेस भी उन्हें जनता के बीच बाहरी प्रत्याशी बता रही थी। लेकिन क्षेत्र की जनता ने एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया और भगवान दास सबनानी ने पीसी शर्मा को हरा दिया। भगवान दास सबनानी को 15833 मत मिले है, वहीं पीसी शर्मा को 60856 मत मिले है। भगवान दास सबनानी ने यह मुकाबला 15833 मतों के अंतर से जीता।
बता दें कि 1990 के बाद से अब तक आठ विधानसभा चुनावों में यहां 1998 और 2018 में केवल दो बार ही कांग्रेस का विजय मिली है। उसमें भी दोनों बार कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा ने जीत दर्ज की थी। हालांकि शर्मा को फिर उम्मीद थी कि उन्हें जन अपना समर्थन देगी। लेकिन इस बार जनता के मन में बदलाव था, जो मतदान में खुलकर सामने आया। दक्षिण-पश्चिम शहर की हाइप्रोफाइल सीट है। यहां चार इमली, अरेरा कालोनी, 10 नंबर, 11 नंबर, चूनाभट्टी और शाहपुरा समेत अन्य वीआइपी क्षेत्र शामिल है। जहां बड़ी संख्या में आइएएस और आइपीएस के साथ नेता-मंत्री निवास करते हैं। इसके साथ ही यहां के अधिकतर मतदाता सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि कुछ हिस्से में झुग्गी बस्तियां हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी स्लम क्षेत्रों में तो सक्रिय रहे, लेकिन वीआइपी क्षेत्रों में उनका जादू नहीं चल पाया और भाजपा जीत गई।
भाजपा से अधिक कांग्रेस में हावी रही गुटबाजी
इस विधानसभा सीट से शुरुआत में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में गुटबाजी सामने आई थी। भगवान दास सबनानी को टिकट मिलने के बाद भाजपा के पुराने नेता नाराज दिख रहे थे। वहीं इस सीट से पूर्व विधायक उमाशंकर गुप्ता की नाराजगी भी सामने आई थी। उधर कांग्रेस में भी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना को हटाकर उनकी जगह प्रवीण सक्सेना को जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार संजीव सक्सेना भी यहां से पीसी शर्मा की जगह टिकट मांग रहे थे। लेकिन पाटी ने पीसी शर्मा पर भरोसा जताया। मतलब दोनों ही पार्टियाें में जमकर गुटबाजी थी। लेकिन भगवान दास सबनानी सबको साधते हुए पीसी शर्मा से आगे निकल गए। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को भितरघात ले डूबा।