
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में अब खेतों के ऊपर से विद्युत की हाई टेंशन लाइन बिछाई जाती है तो भूमि स्वामी को दो सौ प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। किसानों की जितनी जमीन लाइन डालने के बदले अधिग्रहित की जाएगी, उसके बदले में किसानों को कलेक्टर गाइड लाइन का दो सौ प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। अब तक 85 प्रतिशत राशि कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर दी जाती रही है।
अब भोपाल में सरकारी मकान न छोड़ने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों से तीस गुना राशि पेनल्टी के रूप में वसूली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक में इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि किसानों के खेतों से बिजली लाइन लगाए जाने पर उनका नुकसान होता है। इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
विजयर्गीय ने बताया कि हाईटेंशन लाइन के टावर के आसपास की भी एक-एक मीटर की जमीन का मुआवजा दिया जाएगा। यह जमीन किसान के ही कब्जे में रहेगी। यह भी तय हुआ कि 132 केवी लाइन डालने में सात मीटर क्षतिपूर्ण क्षेत्रफल को बढ़ाकर 28 मीटर, 220 केवी में 14 मीटर में वृद्धि कर कारीडोर अनुसार 35 मीटर और 400 केवी की लाइन के नीचे की जमीन का क्षतिपूर्ति क्षेत्रफल 52 मीटर निर्धारित किया गया है।
कैबिनेट द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) अंतर्गत प्रदेश में पीवीजीजी समूहों भारिया, बैगा एवं सहरिया समुदाय के घरों के विद्युतीकरण के लिए 78 करोड़ 94 लाख रुपये की विद्युत वितरण कंपनियों की अतिरिक्त कार्ययोजना द्वितीय चरण का अनुमोदन प्रदान किया गया है। इसके मध्यम से बिजली विहीन 18,338 घरों तक बिजली लाइन डालने और रोशनी देने का काम भारत सरकार की मदद से किया जाएगा। 211 गांव ऐसे हैं जहां ग्रिड से बिजली नहीं दी जा सकती है, वहां सोलर एनर्जी के माध्यम से बिजली पहुंचाई जाएगी।
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मंत्रिपरिषद द्वारा छतरपुर जिले के बक्स्वाहा में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड स्तर का एक नवीन पद व उनके अमले अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के छह पद, इस प्रकार कुल सात नवीन पदों के सृजन के लिए 52 लाख 46 हजार रुपये प्रति वर्ष की स्वीकृति प्रदान की गई।