एमपी गजब है: वन रक्षक परीक्षा के टॉपर को मिले 100 में 101.66 अंक… क्या है वो फार्मूला जिसके कारण हो गया यह कमाल और उठा विवाद
मध्य प्रदेश में ईएसबी यानी मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने बीते दिनों विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम जारी किए थे। इनमें वन रक्षक का परीक्षा परिणाम भी था, जिसको लेकर अब विवाद हो रहा है। इस परीक्षा के टॉपर राजा भैया प्रजापत को 100 में से 101.66 अंक मिल गए हैं।
Publish Date: Wed, 18 Dec 2024 08:43:48 AM (IST)
Updated Date: Wed, 18 Dec 2024 08:44:52 AM (IST)
अधिकारियों का कहना है कि उनको इस बारे में कोई शिकायत भी नहीं मिली है। (प्रतिकात्मक तस्वीर)HighLights
- मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा के परिणाम पर विवाद
- कुछ शहरों में छात्रों का प्रदर्शन, ESB ने कहा- शिकायत नहीं मिली
- नॉर्मलाइजेशन का कमाल, कुछ छात्रों को शून्य अंक, हंगामा शुरू
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि किसी परीक्षा में किसी अभ्यर्थी को पूर्णांक 100 में से 101.66 मिल सकते हैं। ऐसा हुआ है मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा तीन दिन पहले जारी वन रक्षक, क्षेत्ररक्षक, जेल प्रहरी, और सहायक जेल अधीक्षक (कार्यपालिक) की संयुक्त भर्ती परीक्षा-2022-23 अंतिम परिणाम में।
इस बारे में ईएसबी के निदेशक साकेत मालवीय का कहना है कि परीक्षा परिणाम तैयार करने में नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले का उपयोग किया गया है। इस कारण परीक्षा के टॉपर राजा भैया प्रजापत को 101.66 अंक मिल गए हैं। वहीं कुछ अभ्यर्थियों को शून्य अंक भी मिले हैं।
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14 मार्च को जारी हुआ थी ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम
- ईएसबी ने वन रक्षक और क्षेत्र रक्षक तथा जेल विभाग के लिए जेल प्रहरी और सहायक जेल अधीक्षक (कार्यपालिक) की ऑनलाइन परीक्षा 25 मई से 20 जून 2023 के मध्य आयोजित की थी। इसका परिणाम 14 मार्च को जारी किया गया था।
- इसके बाद दोनों विभागों ने अपने स्तर पर शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित की। इसके बाद ईएसबी ने अंतिम परिणाम जारी किया है। परीक्षा परिणामों का यह पक्ष सामने आने के बाद विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
- इंदौर में विद्यार्थियों के एक दल ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन भी किया था। हालांकि मालवीय का कहना है कि सामान्यीकरण की यह प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य है। कहीं कोई तकनीकी गलती नहीं हुई है।
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क्या है नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला
नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला प्रतियोगी परीक्षाओं का परिणाम तैयार करने में लागू किया जा रहा है। इसके अनुसार, किसी उम्मीदवार का प्रतिशत स्कोर जानने के लिए उसके द्वारा हासिल अंकों के बराबर या उससे कम अंक हासिल करने वाले सभी उम्मीदवारों की संख्या और उस पारी में उपस्थित उम्मीदवारों की कुल संख्या के भागफल को 100 से गुणा कर दिया जाता है।