शशिकांत तिवारी. नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार सीएम केयर योजना प्रारंभ करेगी। इसमें पूरा जोर सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर रहेगा। कैंसर, हृदय संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए बड़े अस्पताल बनाए जाएंगे। इसमें अगले पांच वर्ष में दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह अभी प्रारंभिक आकलन है। परियोजना आगे बढ़ने के बाद लागत और बढ़ जाएगी। वित्त विभाग ने भी इस पर सहमति दे दी है। अब शीघ्र ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
योजना के अंतर्गत जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बने स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को 200 बिस्तर से बढ़ाकर 600 बिस्तर का किया जाएगा। प्रदेश स्तर का एक स्टेट कार्डियोलॉजी सेंटर बनेगा, हालांकि इसके लिए अभी स्थान का चयन नहीं किया गया है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर मेडिकल कॉलेजों में आंकोलॉजी (कैंसर), आंको सर्जरी, कॉर्डियोलॉजी और कॉर्डियक सर्जरी विभाग प्रारंभ किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश में बढ़ रहे अंगदान
सभी जगह 100-100 बिस्तर होंगे। बाद में नेफ्रोलॉजी यानी किडनी रोग और यूरोलॉजी विभाग भी प्रारंभ होंगे। अंग प्रत्यारोपण के लिए भी प्रदेश स्तरीय संस्थान बनाया जाएगा, जिसमें लिवर, किडनी, हार्ट, फेफड़ा और कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा रहेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लाइव और ब्रेन डेड दोनों तरह के अंगदान बढ़ रहे हैं।
सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अंग निकालने की सुविधा चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ की जा रही है। एक अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण प्रारंभ होने से विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा। प्रदेश में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण कई बार हार्ट, फेफड़ा आदि को दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता है।
सीएम केयर योजना के तहत मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। इसमें कई तरह की सेवाओं को शामिल किया जाएगा। अभी इसका प्रस्ताव कैबिनेट में जाना है। इससे सुपर स्पेशियलिटी की सीटें भी बढ़ेंगी। - संदीप यादव, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा।