नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अब मध्य प्रदेश में अंगदान और देहदान करने वाले लोगों को अंतिम विदाई पर मध्य प्रदेश पुलिस का दस्ता गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of Honour) देगा। राज्य सरकार ने मंगलवार को इसके औपचारिक आदेश जारी कर दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी में एम्स भोपाल में हुए प्रदेश के पहले हृदय प्रत्यारोपण (Heart Transplant) के समय इसकी घोषणा की थी।
मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सचिंद्र राव ने सभी संभाग आयुक्तों, कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। इसमें कहा गया है कि हृदय, लिवर, किडनी जैसे अंगों का दान करने वाले या देहदान करने वाले नागरिकों के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार से पहले पूरे सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। अंगदान और देहदान करने वाले परिवारों को हर साल दो बार 26 जनवरी और 15 अगस्त के जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, दानदाताओं के परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड भी दिया जाएगा।
एक्स मीडिया पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिखा- मृत्यु के बाद जीवन का उपहार देना मात्र दान नहीं है। यह अमरत्व है। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह समाज को अंगदान और देहदान के लिए प्रेरित करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी में एम्स में कहा था कि प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा। जहां एयर एंबुलेंस की सुविधा संभव नहीं है, वहां हेलीकाप्टर की मदद से मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा। उन्होंने आम जनता से अंगदान और देहदान को प्राथमिकता देने की अपील की थी।
नेशनल आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में केवल आठ कैडेवर डोनेशन हुए थे। वहीं तेलंगाना में ऐसे अंगदान की संख्या 252 तक थी। तमिलनाडु-कर्नाटक में 178 और गुजरात में 146 थी।