राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। हरदा में करणी सेना के विरोध-प्रदर्शन से भड़की पुलिस ने छात्रावास में घुसकर जिस बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया , उससे राजपूत समाज नाराज है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने जांच के आदेश भी दे दिए। प्रदर्शनकारियों पर जिस तरह घेरकर लाठीचार्ज किया गया, वाटर कैनन चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े, उसे सरकार ने गंभीरता से लिया है।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के विदेश प्रवास से लौटने पर पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे को हटाया जाएगा। इसी तरह रतलाम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाका की भी छुट्टी होना तय माना जा रहा है। इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन समाप्त होने के बाद लाठीचार्ज कराया था।
इंदौर के एक व्यापारी द्वारा हीरा बेचने को लेकर हुई धोखाधड़ी के मामले में आरोपित को पुलिस द्वारा संरक्षण दिए जाने के विरोध में करणी सेना ने हरदा शहर के खंडवा बायपास पर धरना देकर रास्ता जाम कर दिया था। लगभग 16 घंटे बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार की, आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर प्रदर्शनकारियों पर घेरकर लाठीचार्ज किया। इसके बाद राजपूत छात्रावास में पुलिस ने घुसकर लाठीचार्ज किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर सहित 60 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधायक जयवर्धन सिंह और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा हरदा पहुंचे और छात्रावास में घटना का ब्योरा लिया। उन्होंने इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारियों को हटाकर जांच करने की मांग की। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए विधानसभा में उठाने की तैयारी की।
मामले के तूल पकड़ने पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि कहीं कुछ गलत है तो उसे व्यवस्था के अंतर्गत सुधारा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है। सारी जानकारी प्रशासन से मांगी है। जानकारी आने पर जो भी दोषी होंगे वह बचेंगे नहीं।
सूत्रों का कहना है कि हरदा प्रशासन अब तक इस बात का कोई प्रमाणित जवाब नहीं दे पाया है कि पुलिस छात्रावास में क्यों घुसी और लाठीचार्ज किया। इस मामले में कलेक्टर और अपर कलेक्टर की भूमिका भी देखा जा रही है। इन्होंने लाठीचार्ज के आदेश दिए या बिना इसके ही कार्रवाई की गई। यदि आदेश देने की बात सामने आई तो इन पर भी कार्रवाई की जा सकती है। इसी तरह रतलाम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा धरना समाप्त होने के बाद लाठीचार्ज कराया था।