वे कौन लोग हैं जिन्होंने कंपनी को ड्रग लाइसेंस दिया? बिना जांच रिन्यू किया? मोहन यादव ने कहा तमिलनाडु सरकार की गलती MP ने भुगती
मोहन यादव ने प्रश्न किया कि वे कौन लोग हैं जिन्होंने इस कंपनी को ड्रग लाइसेंस देने का कार्य किया? छोटी सी जगह पर किस तरह फैक्ट्री संचालित हो रही थी? बिना जांच के लाइसेंस कैसे रिन्यू किया गया? उन्होंने कांग्रेस के रवैये को लेकर कहा कि कांग्रेस नेता और राहुल गांधी तमिल नाडु जाकर ये स्थितियां देख सकते हैं।
Publish Date: Thu, 09 Oct 2025 08:10:10 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 Oct 2025 08:33:36 PM (IST)
मोहन यादव ने पत्रकारों से की बात।HighLights
- नागपुर में भर्ती बच्चों की कुशलक्षेम जानने के बाद मुख्यमंत्री बोले- सरकार किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगी।
- उन्होंने कांग्रेस के रवैये को लेकर कहा कि अब राहुल गांधी तमिल नाडु जाकर ये स्थितियां देख सकते हैं।
- तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-श्रीसन फार्मास्युटिकल का लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। विषाक्त कोल्ड्रिफ कप सीरप के सेवन से बच्चों की मृत्यु के मामले में गुरुवार को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने घटना के लिए तमिल नाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि तमिल नाडु में निर्मित दवा के उपयोग से बच्चों की मृत्यु प्रमाणित हुई है। अब तक की जांच में मूल रूप से मैन्युफैक्चरिंग के स्तर पर त्रुटि की बात सामने आई है। मध्य प्रदेश तो प्रभावित पक्ष है।
हमारी पुलिस ने इसके जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की है। दुर्भाग्य की बात है कि तमिल नाडु सरकार की तरफ से अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर को निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल की नियमानुसार जांच करनी चाहिए थी। कंपनी के मालिक को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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मध्य प्रदेश सरकार मानवीय और प्रशासनिक दोनों आधार पर कार्रवाई जारी रखेगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। मोहन यादव ने यह बात नागपुर के एम्स में भर्ती बच्चों और उनके स्वजन से भेंट करने के बाद मीडिया से चर्चा में कही।
मोहन यादव ने प्रश्न किया कि वे कौन लोग हैं जिन्होंने इस कंपनी को ड्रग लाइसेंस देने का कार्य किया? छोटी सी जगह पर किस तरह फैक्ट्री संचालित हो रही थी? बिना जांच के लाइसेंस कैसे रिन्यू किया गया? उन्होंने कांग्रेस के रवैये को लेकर कहा कि कांग्रेस नेता और राहुल गांधी तमिल नाडु जाकर ये स्थितियां देख सकते हैं।
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वहां की सरकार के विरुद्ध धरना दे सकते हैं। प्रेट्र के मुताबिक इस मामले में तमिल नाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने गुरुवार को बताया कि श्रीसन फार्मास्युटिकल का लाइसेंस फिलहाल अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है। आगामी दो दिनों में विस्तृत जांच के बाद इसे स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।
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पचास वर्ष बाद भी नहीं चेता तमिलनाडु
- कोल्ड्रिफ में मिले डायथिलीन ग्लाइकाल (डीईजी) की वजह से बच्चों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। बीते वर्षों में सैकड़ों बच्चे डीईजी की वजह से जान गंवा चुके हैं।
- इसकी शुरुआत भी तमिल नाडु से ही हुई। स्वास्थ्य विशेषज्ञ दिनेश ठाकुर और एडवोकेट प्रशांत रेड्डी की पुस्तक 'द ट्रुथ पिल' के अनुसार भारत में डीईजी की विषाक्तता से बच्चों की मौत का पहला मामला तमिल नाडु में ही वर्ष 1972 में दर्ज किया गया था।
- उस समय तमिल नाडु में 15 बच्चों की मृत्यु हुई थी। वर्ष 1986 में बंबई (अब मुंबई) में भी कई बच्चों की मौत डीईजी से हुई थी। वर्ष 2019- 20 में जम्मू-कश्मीर में 12 बच्चों की मृत्यु हुई थी।
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बच्चों की मौत पर चिकित्सक की गिरफ्तारी के विरोध में बांधी काली पट्टी
- छिंदवाड़ा में अमानक कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत के मामले में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के विरोध में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज समेत प्रदेशभर के सरकारी चिकित्सकों ने बुधवार को काली पट्टी बांधकर कार्य किया।
- प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (पीएमटीए) के आह्वान पर डाक्टर की गिरफ्तारी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ बताते हुए यह विरोध किया गया।
- पीएमटीए के प्रदेश अध्यक्ष राकेश मालवीय और अशोक ठाकुर ने बताया कि सभी मेडिकल कालेजों और अस्पतालों में चिकित्सकों ने ओपीडी, आपरेशन थिएटर और परीक्षा कार्य के दौरान काली पट्टी पहनकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया।
- उन्होंने कहा कि सोनी पर की गई कार्रवाई अवैधानिक है और तत्काल उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरण वापस लिया जाना चाहिए।
- जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन की ओर से भी कहा गया है कि दवा की गुणवत्ता की जिम्मेदारी डाक्टर की नहीं, बल्कि निर्माता और नियामक संस्थाओं की होती है। बिना प्रत्यक्ष लापरवाही के गिरफ्तारी संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।