भोपाल (राज्य ब्यूरो)। अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों से चार स्तरीय वेतनमान में वसूल की गई राशि नहीं लौटाई है। अब इस मामले में 25 जनवरी को तीसरी बार अवमानना प्रकरण में सुनवाई होने वाली है। इस पर राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव को जवाब देना है, इसलिए बचे हुए डाक्टरों को छुट्टी के दिन भी राशि उनके खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है। अभी 27 डाक्टरों की राशि उन्हें लौटाई जानी है। इनमें अधिकतर वह हैं जो दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों को चार स्तरीय वेतनमान दिया था। इसके बाद गलत आदेश जारी होने का तर्क देकर डाक्टरों को दी गई राशि वापस ले ली गई थी। डाक्टरों ने पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने डाक्टरों के पक्ष में निर्णय दिया था। इसके बाद राशि वापस नहीं किए जाने पर शीर्ष न्यायालय में अवमानना याचिका लगा दी थी।
डाक्टरों की नियमित पदोन्नति नहीं होने पर राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में बढ़ा हुआ वेतनमान (समयबद्ध) देने का निर्णय लिया था। यह पांचवें वेतनमान के हिसाब से आठ हजार, 10 हजार, 12 हजार और 14 हजार के वेतनमान पर छह-छह साल में दिया जाना था। आखिरी वेतनमान में सीलिंग भी थी विशेषज्ञ के लिए पांच प्रतिशत और चिकित्सा अधिकारी के दो प्रतिशत।
बाद में वित्त विभाग ने अपने इस आदेश का गलत बताकर डाक्टरों को दिए गए बढ़े हुए वेतनमान की राशि की वसूली शुरू कर दी थी। इसके बाद डाक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने डाक्टरों के पक्ष में निर्णय दिया था, पर डबल बेंच ने खारिज कर दिया था। इसके बाद डाक्टर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे, जहां उनके पक्ष में निर्णय हुआ।