MP Health News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनधि ) हमीदिया अस्पताल में गैर आयुष्मान मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए अभी शुल्क (पैकेज) तय नहीं हुआ है। हालांकि, जीएमसी के अफसरों ने कहा कि गैर आयुष्मान मरीज चाहे तो यहां किडनी ट्रांसप्लांट करा सकते हैं। जो भी खर्च लगेगा वह उन्हें उठाना पड़ेगा। हालांकि, यह तय है कि निजी अस्पतालों के मुकाबले ट्रांसप्लांट में यहां पर आधे से भी कम खर्च आएगा। गैर आयुष्ष्मान मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए पैकेज तय करने का भी काम श्ाुरू हो गया है। संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने डीन डॉ. जितेन शुक्ला से जल्द ही पैकेज तय करने को कहा है।
हमीदिया अस्पताल के किडनी रोग विशेष्ाज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा ने बताया कि करीब तीन लाख रुपये का सामान और दवाओं से गैर आयुष्मान मरीजों का इलाज हो जाएगा। बता दें कि निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट के करीब 7 से 8 लाख रुपये लगते हैंं।
अच्छी बात यह है कि हमीदिया अस्पताल में पहला किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले भिंड के किशन दत्त शर्मा की शनिवार को अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है। डीन डॉ. शुक्ला ने मरीज को ट्रांसप्लांट का सर्टिफिकेट दिया। उन्हें उनकी पत्नी ने किडनी दान की है।
हमीदिया
अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में हो सकता है दूसरा ट्रांसप्लांट
हमीदिया अस्पताल में दूसरे किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी भी शुरू हो गई है। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट हो सकता है। इसके लिए तीन मरीजों की जांचें कराई जा रही हैं। जिस मरीज की सभी जांचें ठीक आएंगी उसे ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा। हमीदिया प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है जहां किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा श्ाुरू की गई है। अभी एम्स भोपाल में भी यह सुविधा नहीं है। हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों की
टीम अब यह आकलन करने में लगी है कि जिस मरीज को पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था उसके इलाज पर कितना खर्च आएगा। तय पैकेज से ज्यादा खर्च होने की स्थिति में शासन को तय पैकेज की राशि बढ़ाने के लिए कहा जाएगा। बता दें कि आयुष्मान मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अभी चार लाख का पैकेज है। इसमें सरकारी अस्पतालों को 60 फीसद राशि ही मिलती है। इसकी वजह यह कि सरकारी अस्पताल मंें ज्यादातर संसाधन निश्शुल्क होते हैं। हमीदिया में ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीज के स्वजन ने करीब 60 हजार रुपये से बाहर से जांच अपने खर्च पर कराई है। दवाओं पर भी करीब 10 हजार रुपये दवाओं पर खर्च हुए हैंं।