नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सिर पर चार लाख 80 हजार लंबित मामलों का बोझ है। इसी को गंभीरता से लेकर क्रिमिनल केस निराकृत करने युद्ध स्तर पर प्रयास को गति दे दी गई है। इसके अंतर्गत 10 विशेष बेंच गठित कर दी गई हैं। इनके जरिए क्रिमिनल केस सुने जाएंगे। आज से ही इस अभियान को गति दी जाएगी। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन व सचिव परितोष त्रिवेदी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा को पत्र लिखकर मांग की गई थी। जिसे गंभीरता से लेकर कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर में तीन हजार के लगभग जमानत अर्जियां लंबित हैं। जजों के कुल स्वीकृत पद 53 के मुकाबले महज 53 जज पदस्थ हैं। इस वजह से लंबित प्रकरणों के निराकरण में द्रुतगति परिलक्षित नहीं हो पा रही है।
स्पेशल बेंचों के गठन से इन मामलों के त्वरित निपटारे की उम्मीद है। सीजे संजीव सचदेवा की गठित स्पेशल बेंच में शामिल जजों में जस्टिस अचल कुमार पालीवाल, जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल, जस्टिस देवनारायण मिश्रा, जस्टिस दीपक खोत, जस्टिस अजय कुमार निरंकारी, जस्टिस हिमांशु जोशी, जस्टिस रामकुमार चौबे, जस्टिस रत्नेशचंद्र सिंह बिसेन, जस्टिस बीपी शर्मा और जस्टिस प्रदीप मित्तल के नाम हैं।