MP Lok Sabha Election 2024: राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को झटके पर झटके लगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, तीन विधायकों से लेकर कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह तो विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र भी दे चुके हैं पर विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत और बीना से विधायक निर्मला सप्रे ने भाजपा का प्रचार किया लेकिन अभी तक त्यागपत्र नहीं दिया है।
उधर, पार्टी ने विधायक फूलसिंह बरैया को भिंड, महेश परमार को उज्जैन, सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना, फुंदेलाल सिंह मार्को को शहडोल और ओमकार सिंह मरकाम को मंडला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया। रतलाम से प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे झाबुआ से विधायक डा. विक्रांत भूरिया ने मोर्चा संभाला।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने धार और उपनेता हेमंत कटारे ने भिंड और मुरैना में काम किया। इसी तरह सतीश सिकरवार ने मुरैना और ग्वालियर तो सचिन यादव ने खरगोन में चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। चुनाव परिणाम के आधार पर संगठन में इन सभी की भूमिका तय होगी।
प्रदेश कांग्रेस का संगठन अगले दो-तीन माह में नए सिरे से तैयार होगा। इसमें 50 प्रतिशत नए चेहरों को अवसर मिलेगा तो विधायकों की भूमिका भी तय होगी। चुनाव परिणाम के आधार पर तय किया जाएगा कि आगे किससे क्या काम लेना है। दरअसल, पार्टी ने इस बार विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में काम करने की पूरी छूट दी थी। किसी को अपना क्षेत्र छोड़कर कहीं नहीं भेजा गया। इसके पीछे मंशा यही थी कि वे अपने क्षेत्र में रहकर बेहतर परिणाम दे सकें।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने धार और खरगोन में स्वयं को सीमित किया तो बाला बच्चन और सचिन यादव ने खरगोन में मोर्चा संभाला। पांच विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे थे, इसलिए बाहर नहीं निकल पाए। चुनाव परिणाम इनकी नई भूमिका का निर्धारण करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कह चुके हैं कि नई टीम पीढ़ी परिवर्तन का संदेश देगी।
संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव परिणाम के आधार पर सभी विधायकों के प्रदर्शन का आकलन कराया जाएगा। इनके स्वयं के मतदान केंद्र और विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को मिले मतों का पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्राप्त मतों के आधार पर विश्लेषण होगा।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह ने संगठन पदाधिकारियों को लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तैयारी में जुटने के लिए कहा है। अमरवाड़ा विधानसभा सीट तो रिक्त घोषित हो चुकी है। परिणाम आने के बाद परिदृश्य और साफ हो जाएगा।
पार्टी के पांच विधायक चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से जो भी जीतेगा, उसकी सीट रिक्त हो जाएगी। इसी तरह विजयपुर और बीना सीट के विधायकों को लेकर कोई निर्णय होता है तो वहां भी उपचुनाव कराए जाएंगे। यहां के विधायक रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे ने चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था।