नईदुनिया, भोपाल। मध्यप्रदेश में विकास कार्यों की रफ्तार ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। ताजा मामला जबलपुर जिले के पनागर विधानसभा क्षेत्र का है, जहां फोरलेन सड़क निर्माण के चलते नल-जल योजना की पाइपलाइनों को नुकसान पहुंचा है। इन पाइपलाइनों के क्षतिग्रस्त हो जाने से ग्रामीणों को अब पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
दरअसल, भाजपा विधायक सुशील कुमार तिवारी इंदू ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। उन्होंने पूछा कि सड़क निर्माण की वजह से रैपुरा ग्राम की नल-जल पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हुई है, तो अब इसका पुनर्निर्माण किस विभाग द्वारा किया जाएगा और कब तक पूरा होगा?
इस पर जवाब देते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने माना कि फोरलेन सड़क निर्माण के चलते न केवल रैपुरा, बल्कि कंदराखेड़ा और केवलारी जैसे ग्रामों की नल-जल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि इन योजनाओं का पुनर्निर्माण लोक निर्माण विभाग, मुख्यालय उपसंभाग क्रमांक-1, जबलपुर द्वारा किया जाएगा।
हालांकि सबसे चिंताजनक बात यह है कि सरकार के पास अभी तक कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं है कि ग्रामीणों को कब तक राहत मिलेगी। मंत्री ने लिखित उत्तर में यह भी स्वीकार किया कि इस कार्य के पूरा होने की कोई समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्रामीणों की मानें तो उन्हें रोजाना पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जब तक पाइपलाइन का पुनर्निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत टैंकर या अन्य स्रोतों से पानी की आपूर्ति की जाए।