राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : प्रदेश के सभी सरकारी 15 विश्वविद्यालयों और 18 स्वशासी कॉलेज में बीएससी कृषि पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। इससे युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही, उन्नत खेती के लिए किसानों को मार्गदर्शन भी मिलेगा। एक जुलाई से प्रदेश के सभी 55 जिलों में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस प्रारंभ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कई निर्देश दिए। उच्च शिक्षा, उद्योग, कृषि और अन्य संबंधित विभागों में ड्रोन के उपयोग और प्रशिक्षण के लिए नीति बनाई जाएगी। कॉलेज में पर्यटन, विमानन समेत अन्य रोजगारपरक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएं। सभी पाठ्यक्रम इसी सत्र से आरंभ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए बनाए गए नियमों के अनुकूल कार्य संचालन पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश अग्रणी रहा है। इस नाते निरंतर शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। प्रदेश के उच्च शिक्षा केंद्र बहु-संकाय सुविधा से युक्त होना चाहिए।
अकादमिक सत्र 2024-25 से बीएससी कृषि समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ हों। सभी सरकारी विश्वविद्यालय और 18 स्वशासी कॉलेज में बीएससी कृषि प्रारंभ किया जाए। इससे रोजगार के अवसर मिलेंगे और किसानों को भी लाभ होगा। उन्नत खेती समय की मांग है।
विमानन एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषयों में युवाओं की रुचि बढ़ रही है, इसलिए ऐसे विषयों की बेहतर शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। देश का पहला हेलीकाप्टर पायलट ट्रेनिंग स्कूल खजुराहो में आरंभ किया गया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, निकटवर्ती विश्वविद्यालय के माध्यम से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था की जाएगी। इससे प्रदेश में रोजगारपरक शिक्षा को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही निवेश भी आकर्षित होगा।
प्रदेश के सभी जिलों में पीएम कॉलेज आफ एक्सीलेन्स स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त पद भी स्वीकृत कर दिए गए हैं। ये सभी एक जुलाई से प्रारंभ होंगे और जिले का गौरव होंगे। इन कॉलेजों से जिले की तहसीलों एवं जिले के नागरिकों को जोड़ें। शुभारंभ समारोह में जिले के सभी नागरिकों को जोड़ा जाए। विद्यार्थियों को महाविद्यालय आने-जाने के लिए परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ऐसी छवि निर्मित की जाए कि अन्य राज्यों के बच्चे यहां पढ़ने आएं।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से निजी विश्वविद्यालय की स्थापना पर प्रोत्साहन देने संबंधी नीति के प्रविधानों पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई। विभागीय अधिकारियों का कहना था कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को जो प्रोत्साहन दिया जाता है, उसमें रिटर्न आता है पर विश्वविद्यालयों की स्थापना में ऐसा नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों विभाग पहले आपस में बैठकर बात कर लें, फिर इस पर विचार किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।