
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ ने मध्य प्रदेश सरकार से नर बाघ की मांग की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह आग्रह किया है। टाइगर स्टेट बनने के बाद मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से कांग्रेस शासित राज्य ने पहली बार बाघ की मांग की है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश स्थित कान्हा और महाराष्ट्र के चंद्रपुर के ताबोड़ा टाइगर रिजर्व के बाघों को अचानकमार वन क्षेत्र में लाया जा सकता है।
दरअसल, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने छत्तीसगढ़ के अचानकमार वन क्षेत्र में मध्य प्रदेश से नर बाघ और महाराष्ट्र से मादा बाघ मंगवाने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। इसी संदर्भ में छत्तीसगढ़ सरकार ने मध्य प्रदेश से बाघ की मांग की है। छत्तीसगढ़ ने यह मांग अनुवांशिक कारणों से की है। दरअसल, बाहरी राज्य से अलग प्रजाति के बाघ आने से इनकी संख्या में संतुलन और सरवाइवल बना रहता है।
बता दें, ओडिशा सरकार भी मध्य प्रदेश से बाघ ले चुकी है लेकिन नक्सली गतिविधियां और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के कारण बाघ की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर वन्यप्राणी विशेषज्ञ अजय दुबे ने एनटीसीए को पत्र लिखा था। अजय दुबे का कहना है कि छत्तीसगढ़ में 17 बाघ थे, इनमें से महज सात बचे हैं। बाघ लाने से पूर्व न तो छत्तीसगढ़ ने टाइगर प्रोटेक्शन प्लान बनाया है और न हीं उसकी सुरक्षा के लिए इंतजाम किए। ऐसे में मध्य प्रदेश से बाघ भेजा जाता है तो पहले उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।