MP News: भ्रष्टाचार और आपराधिक प्रकरण के चलते दो पुलिस अधिकारियों को दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति
राज्य लोक सेवा आयोग ने गृह विभाग के अनिवार्य सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को दी अनुमति!
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sat, 11 Feb 2023 01:43:19 PM (IST)
Updated Date: Sat, 11 Feb 2023 01:43:19 PM (IST)

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की जीरो टालरेंस की नीति के आधार पर गृह विभाग ने राज्य पुलिस सेवा के अनिल कुमार मिश्रा और निरीक्षक कृष्ण कुमार वर्मा को शुक्रवार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर शिकायतों को देखते हुए बीस वर्ष की सेवा और पचास साल की आयु के आधार पर सेवा का आकलन करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके आधार पर गृह विभाग की छानबीन समिति ने दोनों के प्रस्ताव राज्य लोक सेवा आयोग को अंतिम निर्णय के लिए भेजे थे, जिस पर अनुमति प्राप्त होते ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश जारी कर दिए।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अनिल कुमार मिश्रा के विरुद्ध इंदौर पुलिस आफिसर मेस में रुककर कदाचरण एवं संदिग्ध आचारण का परिचय देने पर विभागीय जांच प्रारंभ की गई थी। उनके विरुद्ध प्रदेश के बाहर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पदनाम का दुरुपयोग करने, मैनेजर यात्रा डाटकाम को पुलिस महानिरीक्षक के पदनाम का दुरुपयोग कर पत्र जारी करने और महिला पुलिस थाना जयपुर में प्रकरण दर्ज हुआ था। विशेष स्थापना पुलिस द्वारा पद का दुरुपयोग करने के मामले में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जा चुका है। थाना इंद्रापुरम गाजियाबाद में युवती को धमकाने का प्रकरण प्रचलन में है। मिश्रा का पूरे सेवाकाल का मूल्यांकन साधारण स्तर का रहा है। गोपानीय चरित्रावली का मूल्यांकन करने पर मिश्रा को छानबीन समिति ने पुलिस सेवा में रहने योग्य न पाते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की अनुशंसा की थी, जिस पर राज्य लोक सेवा आयोग ने सहमति जताई थी। इस पर अंतिम निर्णय लिया गया है।
इसी तरह अनुविभागीय अधिकारी सौंसर के पद पर रहे कृष्ण कुमार वर्मा पर अवैध उत्खनन को न रोकने और अधीनस्थों को भी कार्रवाई करने से रोकने के आरोप थे। जांच में ये प्रमाणित पाए गए। अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने में कोई रुचि न दिखाने और संलिप्तता के कारण अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अनुशंसा की गई थी, जिस पर सहमति मिलने के बाद शुक्रवार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई।
आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों की सेवा भी हो चुकी है समाप्त
प्रदेश में इसके पहले आइएएस अधिकारी एमके सिंह, आइपीएस डा. मयंक जैन और आइएफएस अधिकारी देवेश कोहली को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है। जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना को भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है।