MP News: मध्य प्रदेश के कालेजों में रंग-बिरंगे कपड़े नहीं पहन सकेंगे विद्यार्थी, लागू होगा ड्रेस कोड
उच्च शिक्षा विभाग इसी सत्र से प्रदेश के सभी जिलों में पीएमश्री उत्कृष्ट महाविद्यालय शुरू करने जा रहा है। इन काॅलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए एक निर्धारित गणवेश भी तय किया जा सकता है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक कॉलेजों में ऐसा आदर्श ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिस पर किसी को आपत्ति न हो।
Publish Date: Wed, 10 Jul 2024 12:19:33 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Jul 2024 12:11:48 PM (IST)
कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं। (प्रतीकात्मक चित्र)HighLights
- ड्रेस कोड से छात्र-छात्राओं में रहेगी एकरूपता।
- ड्रेस कोड पर सभी वर्गों की सहमति ली जाएगी।
- इससे कॉलेजों में सकारात्मक माहौल भी बनेगा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में अब रंग-बिरंगी यूनिफार्म पहने छात्र-छात्राएं नहीं दिखेंगी और न ही कोई हिजाब या पगड़ी पहनकर कालेज आ सकेगा। सभी कालेजों में एकरूपता लाने के उद्देश्य से सरकार ड्रेसकोड लागू करने पर विचार कर रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हवाला देकर उच्चशिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बुधवार को उच्चशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री उत्कृष्टता महाविद्यालय एवं अन्य महाविद्यालयों में ड्रेसकोड लागू करने की नीति और प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
जल्द हो सकती है घोषणा
माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को इंदौर आ रहे हैं, वह प्रधानमंत्री उत्कृष्टता महाविद्यालयों का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। इस दौरान ही ड्रेस कोड लागू करने के निर्णय की घोषणा की जा सकती है।
गौरतलब है कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस बारे में चर्चा हुई। उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार मेडिकल और निजी इंजीनियरिंग कालेजों की तरह ड्रेस कोड लागू होने से छात्र-छात्राओं में एकरूपता और समानता आएगी। ड्रेस कोड में पैंट, शर्ट, सलवार और कुर्ता शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि कालेजों में ड्रेस कोड लागू हो।
बाहरी तत्वों पर लगेगा अंकुश
कालेजों में ड्रेस कोड लागू करने के पीछे एक और मंशा है कि बाहरी तत्वों की पहचान करना। सरकारी कालेजों में असामाजिक तत्व भी आ जाते हैं। जिन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। ड्रेस कोड लागू होने के बाद बाहरी व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने कालेजों में ड्रेस कोड की रूपरेखा पर कहा कि यह ध्यान रखा जाएगा कि इससे किसी की धार्मिक भावना आहत न हो, जो भी ड्रेस कोड लागू होगा। उसमें सभी की धार्मिक भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
ड्रेस कोड पर सियासी संग्राम
इधर, उच्च शिक्षा विभाग के फैसले पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा संविधान हमें अपने हिसाब से ड्रेस पहनने की आजादी देता है। इस फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। संविधान बदलने गए थे, तो परिणाम लोकसभा चुनाव में मिल गया। ड्रेस पर हिजाब लड़कियां पहनेगी तो इसमें आपत्ति कौन सी बात है। शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का आप्शन होना चाहिए, जिसे पहनना है वो पहने जिसे नहीं पहनना वो ना पहने।