MP News : भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के जन-जीवन पर बहुत ही विपरीत असर पड़ा है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। इस बार मध्यप्रदेश बोर्ड के विद्यार्थियों को महंगी किताबें भी खरीदनी पड़ेंगी। मप्र बोर्ड की सरकारी स्कूलों में तो शासन की ओर विद्यार्थियों को निश्शुल्क किताबें दी जाती हैं, लेकिन निजी स्कूल के बच्चों को किताबें दुकान से खरीदनी पड़ती हैं। इस कारण निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों पर इसका असर पड़ेगा।
दरअसल, मप्र पाठ्य पुस्तक निगम ने किताबों की कीमतें इस बार भी बढ़ा दी हैं। पहली से 10वीं तक की किताबों के सेट के दाम में 5 से लेकर 40 रुपये तक की वृद्धि की गई है। किताबों के दामों में 5 से 10 प्रतिशत तक की वृद्घि की गई है। निगम ने पिछले साल भी किताबों के दाम बढ़ाएं थे।
निगम ने कक्षा पहली की किताबों का सेट 7 रुपये महंगा किया है। पिछले साल इसकी कीमत 139 रुपये थी, अब 142 रुपये कर दी गई है। इसी तरह दूसरी कक्षा का सेट 5 रुपये महंगा हुआ है। वहीं 9वीं व 10वीं की किताबें भी पिछले साल से 40 रुपये महंगी हुई हैं। ज्ञात हो कि प्रदेशभर में मप्र बोर्ड के करीब 40 हजार स्कूल हैं और इनमें करीब 20 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं।
एनसीईआरटी से 10 फीसद अधिक कीमत बढ़ाते हैं
निगम के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से एमओयू होता है कि हम किताबों के सेट में 10 फीसद कीमत बढ़ा सकते हैं या घटा सकते हैं। निगम की ओर से राज्य सरकार को 15 फीसद छूट पर किताबें देते हैं। इसके अलावा विशेष छूट भी दी जाती है। उन्हें वास्तविक कीमत पर किताबें देते हैं। एनसीईआरटी जो कीमत निधार्रित कर भेजता है, उससे 10 फीसद अधिक रेट बढ़ाकर बाजार में बेचते हैं।
तीन सालों का किताबों के सेट की कीमत
कक्षा 2018 2019 2020
पहली 132 रुपये- 139 - 142
दूसरी 168 रुपये -177 -182
तीसरी 198 रुपये -208 - 218
चौथीं 205 रुपये -215 -213
पांचवीं 201रुपये - 221 -224
छठवीं 301 रुपये-317 -328
सातवीं 340 रुपये- 358 -366
आठवीं 420 रुपये -441 - 445
नवमीं 460 रुपये - 491- 531
दसवीं 511 रुपये - 551 - 592
इनका कहना है
लॉकडाउन के कारण किताबों की कीमत नहीं बढ़ी हैं। एनसीईआरटी के वास्तविक कीमत से 5 से 10 रुपये की किताबों के सेट पर बढ़ाई जाती है। निगम एनसीईआरटी से 10 फीसद ज्यादा या कम कीमत कर सकता है।
- विनय निगम, एमडी, मप्र पाठ्य पुस्तक निगम