राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू की जा रही भावांतर योजना में किसानों का पंजीयन 10 से 25 अक्टूबर तक होगा। एक नवंबर से 31 जनवरी 2026 के बीच जो उपज मंडियों में बेची जाएगी, उस पर ही भावांतर मिलेगा। पंजीकृत किसान और उसके सोयाबीन के क्षेत्र का सत्यापन राजस्व विभाग से कराया जाएगा। भावांतर की राशि बैंक खाते में सीधे अंतरित की जाएगी।
यह बात मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार देर शाम जनप्रतिनिधियों और कलेक्टरों के साथ योजना को लेकर बैठक बताई। पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर होगा। भारत सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,328 रुपये निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि किसानों को उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी नहीं होना चाहिए। हितग्राही को सीधा लाभ मिलना चाहिए।
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत तिलहनी फसल के लिए भावांतर योजना वर्ष 2018-19 से लागू की है। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा राज्य के मंडी के माडल भाव व विक्रय मूल्य अंतर की राशि किसान को दिलवाने का प्रविधान है। किसान पूर्व की तरह अपनी उपज मंडियों में बेचेंगे।
समर्थन मूल्य, मंडी का माडल भाव और विक्रय मूल्य के बीच के अंतर की राशि का किसान को डीबीटी से भुगतान किया जाएगा। अधिकारियों से कहा गया कि वे क्षेत्रवार अधिकारी तैनात करें। किसानों को सही दाम मिले, इसकी निगरानी करें। योजना किसानों के हित में है, इसका प्रचार-प्रसार करें। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।