राज्य ब्यूरो, भोपाल। कर्मचारी चयन मंडल की ओर से आयोजित की गई पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच रिपोर्ट का इंतजार लंबा हो गया है। परीक्षा में चयनित नौ हजार 73 उम्मीदवारों का भविष्य मझधार में है। वे पिछले सात माह से नियुक्ति के इंतजार में बैठे हैं। गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा को मामले की जांच कराने का निर्णय लिया था।
जांच पूरी करने की समय सीमा 31 अगस्त 2023 थी, जिसे दो माह के लिए बढ़ा दिया गया था। इस तरह 31 अक्टूबर तक जांच पूरी हो जानी थी। जांच आयोग ने उम्मीदवारों से परीक्षा में गड़बड़ी के साक्ष्य भी मांगे थे। 16 अक्टूबर को उम्मीदवारों ने अपना पक्ष रखा था।
उल्लेखनीय है कि कुछ उम्मीदवारों ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसमें ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के चयन का आरोप भी लगा था। कांग्रेस ने भी मामले में सरकार को घेरा था। मामला तूल पकड़ने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के निर्देश दिए थे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जांच पूरी होने के बाद ही नियुक्ति की जाएगी।
दिग्विजय व जीतू ने जल्द नियुक्ति के लिए सीएम को लिखा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र लिखकर पटवारी भर्ती परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों को शीघ्र नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि पटवारी, वन रक्षक, शिक्षक वर्ग एक सहित अन्य प्रकार के पदों के लिए 37 हजार 790 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा ली गई थी। इनमें अभी तक सिर्फ पटवारी चयन परीक्षा के परिणाम जारी किए गए हैं।
पटवारी परीक्षा में गंभीर भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद अभी तक नियुक्तियां नहीं की गई हैं। जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में लीपापोती कर रही है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इंटरनेट मीडिया (एक्स) पर पोस्ट भेजकर शीघ्र जांच पूरी करने और उम्मीदवारों को नियुक्ति देने की मांग की है।