
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में सात वर्ष से उप पुलिस निरीक्षक के पदों पर भर्ती नहीं हुई है। इस कारण युवाओं में निराशा है। परीक्षा की तैयारी में लगे युवा अधिकतम आयु सीमा को पार कर चुके हैं। पदोन्नतियां भी बंद हैं। बैकलाग के पद रिक्त हैं। युवाओं के रोजगार से जुड़ा यह मुद्दा कांग्रेस के विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने प्रश्नकाल में उठाया।
नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि युवा अपना मकान या जमीन गिरवी रखकर भर्ती की तैयारी करते हैं, पर भर्तियां नहीं हो रही हैं। जनसंख्या के अनुपात में जितना पुलिस बल चाहिए, वह प्रदेश में नहीं है। वर्ष 2016 में 863 और 2017 में 611 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। इसके बाद से उप पुलिस निरीक्षक की भर्ती नहीं हुई।
राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इसके उत्तर में बताया कि वर्ष 2018-19 चुनाव के वर्ष थे। इसके बाद कोरोना महामारी के कारण भर्तियां प्रभावित हुईं। हम परीक्षा की व्यवस्था में परिवर्तन कर रहे हैं। शारीरिक दक्षता के भी अंक मिलेंगे। इसको लेकर नियम में संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। एक हजार 599 सहायक उप निरीक्षक कार्यवाहक उप पुलिस निरीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं।
पिछले वर्ष छह हजार पुलिस आरक्षक की भर्ती की गई थी। पदोन्नति पर न्यायालय की रोक है, इसलिए पात्र अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार दिया जा रहा है। वहीं, जौरा विधायक पंकज उपाध्याय ने भी पुलिस थानों में अमला नहीं होने और अपराध पर नियंत्रण नहीं होने का विषय उठाया।
प्रश्नकाल में आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाएं होने का विषय उठा। सुरेश राजे और भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बुरी है। कहीं पीने के लिए पानी नहीं है तो कहीं बिजली व अन्य सुविधाएं नहीं है। जब तक अलग से राशि की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक स्थिति सुधरने वाली नहीं है। इस पर निर्मला भूरिया के स्थान पर उत्तर दे रहे इंदर सिंह परमार ने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना में आंगनबाड़ी भवन बनाए जाएंगे।जहां पेयजल का संकट होता है, वहां परिवहन के माध्यम से व्यवस्था बनाई जाती है।
विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने बताया कि अप्रैल 2022 के बाद कर्मचारी चयन मंडल की कोई परीक्षा निरस्त नहीं हुई। पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर 428 शिकायतें मिली थीं। शिकायतों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार वर्मा आयोग गठित किया था, जिसने 30 जनवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एक अप्रैल 2022 से अब तक मंडल को शुल्क के रूप में 157 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और 153 करोड़ रुपये का व्यय परीक्षाओं पर हुआ। मंडल को कुल चार करोड़ सात लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।