धनंजय प्रताप सिंह, नईदुनिया, भोपाल। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद से कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में कमल नाथ, कांतिलाल भूरिया और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को पीछे कर नई पीढ़ी को कमान सौंपी थी। जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष तो उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया। पार्टी ने इसी लाइन को जिलों तक ले जाने के लिए इस वर्ष संगठन सृजन अभियान शुरू किया।
लक्ष्य यह भी था कि जिलों की कमान ऊर्जावान नए चेहरों को सौंपी जा सके, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व सहित लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के इस अभियान पर प्रदेश के बड़े नेताओं ने ही पानी फेर दिया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में क्षत्रप माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री अजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया जैसे नेताओं के कारण कांग्रेस के 40 से 45 प्रतिशत जिलों यानी आधे प्रदेश में यह प्रयोग सफल नहीं हो पाया। इन जिलों में बड़े नेताओं ने चहेतों को ही जिलाध्यक्ष बनवा दिया। इसमें जीतू पटवारी भी शामिल रहे।
दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 40-45 वर्ष पहले जो पीढ़ी राजनीति में आई थी, वह वर्चस्व बनाए रखना चाहती है। यही वजह है कि वर्ष 2023 का चुनाव कांग्रेस बुरी तरह हार गई। पराजय से सबक न लेने का परिणाम यह भी हुआ कि मध्य प्रदेश से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि लोकसभा में नहीं है। पार्टी संगठन से जुड़े नेता बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश की तरह गुजरात में भी संगठन सृजन अभियान 50 प्रतिशत ही सफल रहा। अन्य राज्यों में भी स्थिति अच्छी नहीं है।
कांग्रेस संगठन की ऐसी स्थिति की वजह कमल नाथ के इस बयान से स्पष्ट होती है कि कांग्रेस नेताओं की पार्टी है, न कि कार्यकर्ताओं की। अब जब राहुल गांधी और केंद्रीय नेतृत्व संगठन को मजबूत करना चाहते हैं तो नियुक्तियों को लेकर बड़े नेता अपनों के ही निशाने पर हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद मालवीय ने पोस्ट में लिखा है- लगता है कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने तय कर लिया है कि राहुल गांधी कितना ही दम लगा लें, वे अपने पट्ठों के दम पर ही कांग्रेस को चलाएंगे।
भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की पोस्ट साझा कर असंतोष पर चुटकी ली है। ये पोस्ट डिंडौरी जिले से और देवास जिले में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता गौतम बंटू गुर्जर की है।
कहीं कोई संशय नहीं है। हमारे नेता राहुल गांधी ने ही लाइन दी थी कि जो जिले का सबसे मजबूत नेता होगा, उसी को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसी आधार पर संगठन ने जिम्मेदारी दी है। हम मिशन-2028 के लिए तैयार हैं और संगठन सृजन अभियान को सरकार के गठन तक ले जाएंगे। - जयवर्धन सिंह, कांग्रेस विधायक, राघौगढ़