
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया भोपाल। मध्य प्रदेश के भीतर मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के अंतर्गत अनुबंधित निजी बसों का संचालन प्रारंभ करने जा रही राज्य सरकार अब दूसरे राज्यों के लिए भी ऐसी ही बसें चलाएगी। यह भी तय किया गया है कि मध्य प्रदेश आने वाली दूसरे राज्यों के परिवहन निगम की बसें बंद नहीं होंगी। अभी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ की बसें मध्य प्रदेश के नजदीकी जिलों के बीच चलती हैं। राज्य राज्य परिवहन उपक्रम की अनुबंधित बसें चलने के बाद भी इनके रूट और समय में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
उपक्रम की अनुबंधित बसें छह राज्यों के लिए 389 मार्गों पर चलेंगी। ये मार्ग लगभग 20 वर्ष पहले तब निर्धारित हुए थे, जब मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें संचालित होती थीं। पहले से मार्ग निर्धारित होने की वजह से उपक्रम को अब रूट सर्वे नहीं कराना पड़ेगा। ऐसे में अनुबंध के बाद मार्च-अप्रैल से बसें संचालित करने की तैयारी है। प्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह की उपस्थिति में हाल ही में हुई एक बैठक में बसें चलाने का लेकर सैद्धांतिक सहमति हो गई है। जिन रूटों पर बसें चलाने का निर्णय हुआ है, उनमें राजस्थान के 200, उत्तर प्रदेश के 69, महाराष्ट्र के 81, गुजरात के 30, उत्तराखंड के नौ और हरियाणा के तीन मार्ग सम्मिलित हैं।
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग की परमिट लेकर निजी बसें अभी भी दूसरे राज्यों के लिए चल रही हैं, पर अब राज्य परिवहन उपक्रम इनसे अनुबंध कर अपने नियंत्रण में लेकर चलाएगी। इन बसों की निगरानी भी सुगम परिवहन सेवा के अंतर्गत संचालित बसों की तरह होगी। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बस संचालक न तो अतिरिक्त किराया वसूल सकेंगे न ही निर्धारित संख्या से अधिक यात्री बैठा पाएंगे।
उत्तर प्रदेश तक मध्य प्रदेश की अनुबंधित बसें चलाने के लिए राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। कारण, उत्तर प्रदेश के लिए मध्य प्रदेश परिवहन निगम के पुराने मार्गों पर परिवहन विभाग द्वारा निजी बसों को परमिट देने को लेकर वहां का परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट गया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों को आपस में सहमति बनाकर बसें चलाने के लिए कहा था।
इसे लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों की बीच एक बैठक हो चुकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम निजी बसों को परमिट देने पर आपत्ति की है, पर सरकार से अनुबंधित बसें चलाने के संबंध में वह स्वीकृति देने को तैयार है। इसके लिए शीघ्र ही मध्य प्रदेश परिवहन विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।