MP Vidhan Sabha: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
MP Vidhan Sabha: विधायकों और कर्मचारियों के संक्रमित होने और रात्रिकालीन कर्फ्यू का हवाला देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने रखा प्रस्ताव।
By Lalit Katariya
Edited By: Lalit Katariya
Publish Date: Tue, 16 Mar 2021 09:29:30 PM (IST)
Updated Date: Tue, 16 Mar 2021 09:29:30 PM (IST)

भोपाल (नवदुनिया स्टेट ब्यूरो)। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मौजूदा बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू हुआ था और 26 मार्च तक प्रस्तावित था। संसदीय कार्य मंत्री के इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
विधानसभा में विभागों के बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा और विनियोग विधेयक पारित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रस्ताव रखा कि कोरोना का संक्रमण प्रदेश में बढ़ रहा है। इंदौर और भोपाल में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा है। भोपाल में ही विधानसभा का सत्र चल रहा है। विधानसभा के बजट सत्र में शामिल हुए कई विधायक और विधानसभा के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही विधानसभा के इस सत्र की सभी कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जा सकती है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष ने सहमति दे दी है। इस प्रस्ताव को विपक्ष की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मालूम हो, इस प्रस्ताव से पहले पूरक कार्यसूची नहीं मिलने के कारण विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर लिया था।
करीब 15 मिनट में बिना चर्चा 12 विधेयक पारित
विधानसभा में बिना चर्चा के करीब 15 मिनट में 12 विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिए गए। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की ओर से घोषणा की गई थी कि विभिन्न् विभागीय मांगों पर चर्चा के लिए दोनों पक्षों की ओर से नाम अधिक होने के कारण केवल चार मंत्रियों की विभागीय मांगों पर चर्चा पूर्ण हो सकी है। साथ ही कोरोना का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा एवं कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह के साथ समीक्षा में तय हुआ कि आज समस्त कार्यवाही पूर्ण की जाए। इसके बाद विधेयकों और अनुदान मांगों को प्रस्तावित किया गया और ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। वित्त मंत्री ने 241375 करोड़ रुपये का विनियोग विधेयक रखा। जिसे पारित किया गया। इसके अलावा मध्य प्रदेश वित्त विधेयक, मध्य प्रदेश वैट (संशोधन) विधेयक, मध्य प्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन), मध्य प्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर (संशोधन), मध्य प्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान विधेयक, मध्य प्रदेश नगरपालिक विधि (द्वितीय संशोधन), मध्य प्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन), मध्य प्रदेश सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी (संशोधन), मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन), दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) और मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित किए गए। विधेयकों को पारित करने के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मंगलवार सुबह नेता प्रतिपक्ष के समक्ष जो चर्चा हुई थी। उसमें इन विधेयकों का उल्लेख नहीं था इसलिए हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए बहिर्गमन करते हैं। विधेयकों के प्रस्ताव रखे जाने के बीच कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने विरोध दर्ज कराया तो संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आपके नेता द्वारा सहमति देने के बाद इस पर आपत्ति ठीक नहीं है। पटवारी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये अलग गुट के चक्कर में नेतृत्व का विरोध कर रहे हैं। अध्यक्षीय व्यवस्था के कारण अनुदान मांगों को भी बिना चर्चा स्वीकृत किया गया।