राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सुबह 11 बजे से शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने और जातिगत जनगणना में पारदर्शिता को लेकर विधानसभा परिसर में स्तिथ गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। विधायकों ने हाथों में सांकेतिक गिरगिट लेकर भाजपा सरकार को गिरगिट से ज्यादा रंग बदलने वाला बताया।विधानसभा के अंदर निधन उल्लेख के बाद कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
12 दिवसीय सत्र में 10 बैठकें होंगी। इसमें सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। साथ ही उज्जैन विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सम्राट विक्रमादित्य, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी कुलपति को कुलगुरु कहने के प्रविधान वाले विधेयक सहित अन्य संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे।
उधर, कांग्रेस (MP Politics) ने भी भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था से लेकर अन्य मुद्दों पर घेरने की तैयारी की है। ओबीसी आरक्षण, पर्यावरणीय अनुमति और जल जीवन मिशन में अनियमितता सहित अन्य मुद्दों के कारण सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Vidhan Sabha) के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि सचिवालय में 3,377 प्रश्नों की सूचना मिली हैं। इसमें 1,718 तारांकित और 1,659 अतारांकित प्रश्न हैं। जबकि, काम रोककर चर्चा कराने के लिए एक, ध्यानाकर्षण की 226, अशासकीय संकल्प की 23 और शून्यकाल की 65 सूचनाएं मिली हैं। सत्र में जहां सरकार अपनी निवेश, पौधारोपण सहित अन्य कार्यों को लेकर अपनी उपलब्धियां बताएगी।
वहीं कांग्रेस अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ पिछड़ा वर्ग पर अत्याचार, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, लव जिहाद, बेरोजगारी, निवेश के वादों की स्थिति, जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार सहित अन्य विषयों को उठाकर सरकार (MP Political News) को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करेगी। सरकार की ओर से पलटवार की भी तैयारी है, जिसकी कमान मंत्रियों के साथ युवा विधायक संभालेंगे।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को सत्र की तैयारियों का निरीक्षण किया। इस दौरान मीडिया से चर्चा में कांग्रेस के विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन पर रोक लगाने के आरोप पर कहा कि कोई नई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। ऐसा परिपत्र हर सत्र के पहले जारी कर अपेक्षा की जाती है कि मर्यादा-अनुशासन का पालन हो। व्यवस्था का पालन होना चाहिए। सत्र सुचारू चले, यह हम सबकी जिम्मेदारी है।