कहां कितना गिरा पानी
मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल में 112.4 मिमी (लगभग 4.5 इंच), टीकमगढ़ में 107.0 मिमी, रायसेन में 94.8, पचमढ़ी में 54.8, उज्जैन में 50 मिमी, उमरिया में 44.4, सागर में 43.6, छिंदवाड़ा में 43.2, ग्वालियर में 37.6, जबलपुर व सिवनी में 34.4, गुना में 34, बैतूल में 32.8, नर्मदापुरम में 32.3, इंदौर में 30.9, रतलाम में 24.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बाकी जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई।
इन जिलों में तीव्र बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने रविवार को प्रदेश के खरगौन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन व देवास जैसे जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं सीहोर, खंडवा, शाजापुर, आगर, मंदसौर, भोपाल, राजगढ़, नर्मदापुरम्, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, नीमच, गुना, शिवपुरी, दतिया, श्योपुरकलां, रीवा, सतना, उमरिया, कटनी, छिंदवाड़ा, पन्ना व छत्तरपुर जिलों में भी भारी बारिश होने का अनुमान है।
इसके अलावा विदिशा, रायसेन्, अशोकनगर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, अनूपपुर, शहडोल, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर और पांढुर्णा जिलों में भी तेज बौछारें पड़ सकती हैं।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरी मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर बना सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ते हुए अबदाव में तब्दील हो गया और रविवार सुबह की स्थिति में उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और उसके आस-पास के इलाकों में गुना के पास और कोटा (पूर्वी राजस्थान) से 160 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में केंद्रित हो गया है। इसके 27 अगस्त तक आगे बढ़कर दक्षिण राजस्थान और उससे सटे उत्तरी गुजरात पर एक गहरे अबदाव में तब्दील होने की संभावना है।
उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण बांग्लादेश और पड़ोस में मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैल गया है। इसके प्रभाव में, अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने और अगले 2 दिनों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और झारखंड में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
मानसून की द्रोणिका अब जैसलमेर, कोटा, उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश, डाल्टनगंज, दीघा पर अवदाब के केंद्र से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की ओर गुजर रही है। वहीं दक्षिण गुजरात से दक्षिण केरल तट तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर एवं उससे लगे पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गहरे कम दबाव के क्षेत्र एवं मानसून द्रोणिका के मध्य प्रदेश में मौजूद रहने से पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश होने के आसार बन गए हैं। दो दिन बाद बारिश की गतिविधियों में मामूली कमी आ सकती है।