MP Weather News: प्रदेश में अब तक सामान्य वर्षा का कोटा पूरा, भोपाल, इंदौर समेत चार सभांगों में बारिश के आसार
इस सीजन में अब तक 928.9 मिमी. वर्षा हो चुकी है। 25 सितंबर से राजस्थान से मानसून की शुरू हो सकती है वापसी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sat, 23 Sep 2023 01:12:15 PM (IST)
Updated Date: Sat, 23 Sep 2023 01:12:15 PM (IST)
HighLights
- झारखंड के पास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है।
- पश्चिमी मप्र तक एक द्रोणिका बनी हुई है।
- भोपाल में भदभदा डैम के दो गेट खुले।
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। झारखंड के पास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। मानसून द्रोणिका भी उत्तरी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर दो अन्य द्रोणिका भी मौजूद हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के असर से मप्र के अधिकतर जिलों में बादल बने हुए हैं। साथ ही रुक-रुककर वर्षा हो रही है। शनिवार-रविवार को भी भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर संभाग के जिलों में वर्षा होगी। इनमें कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।
इन इलाकों में बरसा पानी
मौसम विभाग के मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल में 43.8, मंडला में 33.2, बैतूल में 24.2,शिवपुरी में 23.2, नौगांव में 17, मलाजखंड में 14.2, सिवनी में 11.2, टीकमगढ़ में सात, दतिया में 5.4, रतलाम एवं खंडवा में चार,खजुराहो में 3.2, नरसिंहपुर में तीन, दमोह में दो, उज्जैन में 0.6, छिंदवाड़ा में 0.4, जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। सागर में बूंदाबांदी हुई। उधर भोपाल, सीहोर में गुरुवार शुक्रवार को हुई भारी वर्षा के कारण राजधानी का बड़ा तालाब लबालब भर गया। जिसके चलते शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात तीन बजे भदभदा का एक गेट खोलना पड़ा। इसके बाद शनिवार दोपहर साढ़े बारह बजे एक और गेट खोला गया।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में झारखंड के पास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। मानसून द्रोणिका भी उत्तरी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसके अलावा झारखंड में बने चक्रवात से लेकर पश्चिमी मप्र तक एक द्रोणिका बनी हुई है। सिक्किम से लेकर तैलंगाना तक भी एक द्रोणिका बनी हुई है। जो छत्तीसगढ़ से होकर जा रही है।
दो दिन बना रहेगा बारिश का सिलसिला
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन मौसम प्रणालियों के असर से लगातार नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर रुक-रुककर वर्षा हो रही है। बौछारें पड़ने का सिलसिला अभी दो दिन तक बना रह सकता है। उधर 25 सितंबर से दक्षिण-पश्चिम मानसून की पश्चिमी राजस्थान से वापसी होने की भी संभावना है।
प्रदेश में सामान्य वर्षा का कोटा पूरा हुआ
सितंबर माह में हुई झमाझम वर्षा से प्रदेश में सितंबर माह का सामान्य वर्षा का अभी तक का कोटा पूरा हो गया है। इस सीजन में एक जून से लेकर शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 928.9 मिमी. वर्षा हो चुकी है। जो सामान्य वर्षा 931.7 की तुलना के समकक्ष है। हालांकि अभी भी प्रदेश के गुना, अशोकनगर, दमोह, सतना, रीवा एवं सीधी में सामान्य से 23 से लेकर 37 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है।