नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। दक्षिण-पश्चिम मानसून बुधवार को नीमच, श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से विदा हो गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, दो-तीन दिन में कुछ और जिलों से भी मानसून की वापसी संभव है। उधर, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र निर्मित होने से प्रदेश के शेष क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने के भी आसार हैं। गुरुवार को रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर संभाग के जिलों में बारिश हो सकती है।
बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में 36, मलाजखंड में पांच, रीवा में दो, उमरिया एवं पचमढ़ी में एक मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार को मानसून की वापसी उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश के नीमच, श्योपुर, मुरैना तथा भिंड जिले से हो गई है।
मध्य प्रदेश के 33 जिलों भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया में आज बारिश के आसार हैं।
एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र पर बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इसके गुरुवार को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है।
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि गुरुवार से रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बारिाश् का सिलसिला शुरू हो सकता है। शुक्रवार-शनिवार को इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं झमाझम बारिश भी हो सकती है।