
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बंगाल की खाड़ी में अवदाब का क्षेत्र बनने और हवाओं का रुख पूर्वी होने से तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। इससे शीतलहर में ठिठुर रहे शहरों को राहत मिल गई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक चार-पांच दिन अभी रात के तापमान में विशेष गिरावट की संभावना नहीं है। प्रदेश में शनिवार को सबसे कम 8.2 डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ और सबसे अधिक 30.8 डिग्री सेल्सियस तापमान नर्मदापुरम व मंडला में दर्ज किया गया।
नर्मदापुरम, ग्वालियर, खजुराहो, रीवा एवं सतना में सुबह के समय न्यूनतम दृश्यता 500 मीटर रही। वहीं शीतलहर का प्रभाव सिर्फ खरगोन जिले में देखने को मिला। नवंबर में पहली बार भोपाल एवं इंदौर शहर में लगातार 14 दिन तक शीतलहर चलीं। यह स्थिति इसके पहले कभी नहीं बनी थी। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक दक्षिण अंडमान सागर पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए सोमवार तक अवदाब क्षेत्र में बदलने की संभावना है। साथ ही आगे और तीव्र होने के संकेत मिल रहे हैं। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वीएस यादव ने बताया कि इस मौसम प्रणाली के असर से हवा का रुख बदलकर पूर्वी हो गया है, जिस कारण तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है।

मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अमूमन नवंबर मध्य के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट होती है, लेकिन इस बाद नवंबर के पहले सप्ताह से ही ठंड के तेवर तीखे होने लगे हैं। इस बार पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के साथ हवाओं का रुख उत्तरी हो गया था। वहीं राजस्थान से भी लगातार शुष्क और सर्द हवाएं आ रही हैं, जिसके चलते राजगढ़ के अलावा भोपाल-इंदौर में भी लगातार ठिठुरन बनी रही।
जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो। साथ ही सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो तो शीतलहर की घोषणा की जाती है। यदि न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम एवं सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस या अधिक कम हो तो, तीव्र शीतलहर माना जाता है।