नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मानसून (Monsoon Rain in MP) द्रोणिका का एक छोर हिलालय की तलहटी में पहुंच गया है। वर्तमान में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली भी सक्रिय नहीं है। इस वजह से प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कमी भी आ गई है। इस वजह से तापमान भी बढ़ने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है। इसके प्रभाव से प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है।
हालांकि, इस मौसम प्रणाली से भी इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों को विशेष लाभ मिलने की संभावना कम है। बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक शिवपुरी में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक 35 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका फिरोजपुर, करनाल, मुरादाबाद, खेरी, जलपाईगुड़ी से होकर हिमालय की तलहटी के पास अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है।
उत्तरी उत्तर प्रदेश से लेकर कच्छ तक एक द्रोणिका बनी हुई है। जो पूर्वी राजस्थान, उत्तरी गुजरात से होकर जा रही है। दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा शुक्रवार को दक्षिणी बांग्लादेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बनने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून द्रोणिका हिमालय की तलहटी में पहुंच गई है। साथ ही कोई प्रभावी मौसम प्रणाली भी सक्रिय नहीं है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला भी कम हो गया है।
बादल छंटने के कारण अधिकतम तापमान भी बढ़ने लगा है। शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने से प्रदेश में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। विशेषकर रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है। हालांकि इस मौसम प्रणाली के कमजोर स्थिति में रहने के कारण इसका प्रभाव पूर्वी मध्य प्रदेश तक ही सीमित रहने के आसार हैं।