नईदुनिया टीम, भोपाल (MP Weather News)। मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी जिलों में भारी बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। इससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। आज भी शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज और मैहर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
नदियों के किनारे की आबादी वाले सौ से अधिक गांवों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। भारी बारिश का सर्वाधिक असर ग्वालियर-चंबल अंचल के श्योपुर व शिवपुरी तथा विंध्य-महाकोशल के शहडोल, सिवनी में देखा जा रहा है। रविवार सुबह शहडोल रेलवे स्टेशन परिसर, जीआरपी थाना और रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। इससे ट्रेनों को धीमी गति से पास किया गया।
शहडोल जिला अस्पताल के वार्डों तक में पानी भर गया है। डिंडौरी में बिलगढ़ा जलाशय में जल भराव होने से रविवार की शाम लगभग चार बजे एक गेट खोल दिया गया है। जिले में वर्षा के चलते अब तक जल गंगा संवर्धन योजना के तहत बने छह तालाब फूट चुके हैं।
जबलपुर में बरगी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जलस्तर नियंत्रित रखने के लिए रविवार को बरगी बांध के 21 में से नौ गेट खोल दिए गए। मानसून सीजन में पहली बार बांध के नौ स्पिल-वे गेट औसतन 1.33 मीटर की ऊंचाई तक खोले गए है।
इनमें से 52 हजार 195 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ग्वालियर अंचल में भी मानसून सीजन में पहली बार जुलाई माह में बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। शिवपुरी जिले में सिंध नदी पर 346.24 मीटर क्षमता का मड़ीखेड़ा बांध स्थित है।
सीजन में पहली बार गुरुवार तीन जुलाई को दो गेट खोले जा चुके हैं। बता दें कि इस बांध पर 20-20 मेगावाट की तीन इकाइयों से विद्युत उत्पादन किया जाता है। ग्वालियर जिले के भितरवार क्षेत्र में पार्वती नदी पर 370 मीटर क्षमता का अपर ककेटो बांध स्थित है। सीजन में पहली बार शनिवार छह जुलाई को बांध के छह गेट खोले गए।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक सोमवार-मंगलवार को रीवा, शहडोल, जबलपुर व सागर संभाग के जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं अतिभारी बारिश भी हो सकती है। मौसम विज्ञानी पीके रायकवार ने बताया कि मानसून द्रोणिका वर्तमान में सूरतगढ़, सिरसा, दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, डाल्टनगंज, बांकुरा, दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
पश्चिम बंगाल और उससे लगे ओडिशा पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे संबद्ध चक्रवात दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ झुका हुआ है। इस मौसम प्रणाली के दो-तीन दिन में झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ने की संभावना है।
उत्तर-पूर्व अरब सागर से उत्तर गुजरात तक एक द्रोणिका बनी हुई है। जो मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, दक्षिणी झारखंड से होते हुए कम दबाव के क्षेत्र तक जा रही है। इस मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में हल्की से भारी बारिश हो रही है।
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