नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। तय समय से तीन दिन पहले रविवार को पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून विदा हो गया। हालांकि वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश के दक्षिणी एवं पूर्वी क्षेत्र में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, सोमवार को इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है।
शेष क्षेत्रों में भी छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। रविवार को सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक रायसेन में 16, पचमढ़ी में 12, बैतूल में छह और जबलपुर में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई। मध्य प्रदेश के 22 जिलों नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया में आज बारिश के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से वापस हो गया। इसके वापस होने की सामान्य तिथि 17 सितंबर है। अगले तीन दिन में राजस्थान के कुछ और क्षेत्र, पंजाब एवं गुजरात के भी कुछ हिस्सों से मानसून के वापस होने की संभावना है। वर्तमान में उत्तरी तेलंगाना और उससे लगे विदर्भ पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
इसके कमजोर पड़ने के बाद उत्तरी दिशा की तरफ आगे बढ़ने की संभावना है। कम दबाव के क्षेत्र से लेकर दक्षिणी महाराष्ट्र के तट तक एक द्रोणिका बनी हुई है जो आंतरिक कर्नाटक से होकर जा रही है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बनाया कि कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ने के बाद विदर्भ की तरफ बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश होने के आसार हैं। हालांकि मानसून वापस होने की शुरुआत होने से प्रदेश में धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियों में और कमी आने की भी संभावना है।