नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को पूरे देश में छा गया है। उधर अलग-अलग स्थानों पर बनी छह मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश में अनेक स्थानों पर वर्षा हो रही है। इसी क्रम में रविवार को ग्वालियर में 75 मिलीमीटर (तीन इंच), नर्मदापुरम में 38, भोपाल में 29, रायसेन में 21, पचमढ़ी में 18, बैतूल में 13, रतलाम में आठ, मंडला में छह और छिंदवाड़ा में पांच मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार सोमवार-मंगलवार को रीवा, डिंडौरी, कटनी, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, मंडला, बालाघाट, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी में अति भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी वीएस यादव ने बताया कि अभी तीन-चार दिन तक प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बने रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटों के दौरान सीधी में 30.4, सिवनी में 22.6, नौगांव में 16, खरगोन में 10.8, खजुराहो एवं छिंदवाड़ा में 10, शिवपुरी में छह, मलाजखंड में 5.3, नर्मदापुरम में 5.1, उज्जैन में चार और दतिया में तीन मिलीमीटर वर्षा हुई थी।
बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल और उससे लगे बांग्लादेश के तट पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात भी संबद्ध है। अगले दो दिन में इसके ओडिशा, झारखंड की तरफ बढ़ने के आसार हैं। दक्षिणी राजस्थान और उससे लगे गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से एक द्रोणिका बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र तक बनी हुई है, जो मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तरी ओडिशा से होकर जा रही है।
इसके अलावा उत्तरी हरियाणा में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। दक्षिण उत्तर प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तरी अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि पूरे देश में मानसून छाने के साथ ही मानसून द्रोणिका भी सक्रिय हो गई है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए पूर्वी एवं उत्तरी मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर अति भारी वर्षा भी हो सकती है।