
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। उत्तर से आ रहीं ठंडी हवाओं और राजस्थान से सर्द व शुष्क हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में लगातार ठिठुरन बढ़ रही है। रविवार को भोपाल, राजगढ़, इंदौर, रीवा, जबलपुर, सीहोर, शाजापुर और शहडोल में तीव्र शीतलहर का प्रभाव रहा। रात का सबसे कम छह डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ में रिकॉर्ड किया गया। इस सीजन का यह सबसे कम टेम्प्रेचर है।
भोपाल और इंदौर में न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं इंदौर, बैतूल और मलाजखंड में शीतल दिन रहा। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में भोपाल में सबसे कम 6.1 डिग्री सेल्सियस तापमान 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इंदौर में 25 नवंबर 1935 को न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ था।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में श्रीलंका के पास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे सोमवार को पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे ने बताया कि अभी दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह रहने की संभावना है, उसके बाद ठंड से कुछ राहत की उम्मीद है।
आठ नवंबर से भोपाल, इंदौर, राजगढ़ लगातार तीव्र शीतलहर की चपेट में बने हुए हैं। इसके विपरीत हिल स्टेशन पचमढ़ी और ग्वालियर के तापमान में अपेक्षाकृत गिरावट नहीं हो रही। इस पर मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला का कहना है कि वर्तमान में हवाओं का रुख उत्तर-पूर्वी और उत्तरी बना हुआ है।

उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के साथ ही राजस्थान से शुष्क सर्द हवाएं भी आ रही हैं, जो राजगढ़ से भोपाल होकर पश्चिमी दिशा में इंदौर की तरफ जा रही हैं। दरअसल, राजस्थान पर बने प्रति चक्रवात के कारण यह स्थिति बनी हुई। ऐसी स्थिति कभी-कभार ही बनती है और ज्यादा दिन नहीं रहती। हालांकि इस सीजन में यह लंबे समय तक टिक गई। दो-तीन दिन और इसका असर बना रह सकता है।