राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को उज्जैन से अयोध्या व वाराणसी जा रही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा को वर्चुअल झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति में तीर्थ यात्रा का विशेष महत्व है। तीर्थ मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। हमारे तीर्थ, धार्मिक आस्था के साथ देश को एक सूत्र में पिरोए रखने का माध्यम भी हैं।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में हवाई यात्रा के माध्यम से भी तीर्थ कराने की व्यवस्था है। पर्यटन विभाग के सहयोग से योजना का और विस्तार किया जाएगा। नए स्थल जोड़े जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत उज्जैन से अयोध्या जा रहे श्रद्धालुओं की ट्रेन को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और यात्रियों को शुभ यात्रा की मंगलकामनाएं दीं।@DrMohanYadav51 @minculturemp #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/doQ1N1MhMo
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 13, 2025
उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैनी से बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी का पुण्य अर्जित करने जा रहे तीर्थ यात्रियों को गंगा स्नान और भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ संत रविदास और कबीर दास की जन्मस्थली के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के धाम को जो शोभा प्रदान की, उस पर हम सभी को गर्व है। प्रदेश में वर्ष 2018 से आरंभ हुई योजना का प्रतिवर्ष का बजट 50 करोड़ रुपये से अधिक है।
इसमें हवाई यात्रा के माध्यम से भी तीर्थ कराने की व्यवस्था है। इस दौरान उन्होंने यात्रा पर जा रहीं कल्पना शर्मा, रज्जू किशोर, बाबूलाल शर्मा से वर्चुअल संवाद भी किया।
हमारी सनातन संस्कृति में तीर्थयात्रा का विशेष महत्व है, क्योंकि तीर्थ मोक्ष प्राप्ति का पावन मार्ग प्रशस्त करते हैं।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के दर्शन हेतु प्रस्थान कर रहे सभी तीर्थयात्री बधाई के पात्र हैं।… pic.twitter.com/KKhwpXAj6i
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सीएम ने कहा कि, हमारी सनातन संस्कृति में तीर्थयात्रा का विशेष महत्व है, क्योंकि तीर्थ मोक्ष प्राप्ति का पावन मार्ग प्रशस्त करते हैं। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के दर्शन हेतु प्रस्थान कर रहे सभी तीर्थयात्री बधाई के पात्र हैं। उन्हें गंगा स्नान, भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ-साथ संत रविदास एवं कबीरदास जी की जन्मस्थली के दर्शन का भी अद्वितीय सौभाग्य प्राप्त होगा।