नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी की सड़क पर एक युवा इंजीनियर को लाठियों से पीटकर मार डालने के आरोपित पुलिस आरक्षकों पर हत्या का केस चलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सख्ती के बाद शहर के पिपलानी थाने में निलंबित आरक्षक सौरभ आर्य और संतोष बामनिया के खिलाफ हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस के अनुसार, ऐशबाग क्षेत्र निवासी 22 वर्षीय उदित गायकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी ज्वॉइन करने वाला था।
गुरुवार रात को वह इंद्रपुरी क्षेत्र में दोस्तों के साथ कार में पार्टी कर रहा था, तभी रात्रि गश्त कर रहे पिपलानी थाने के आरक्षक सौरभ आर्य और संतोष बामनिया ने उन्हें कार में शराब के साथ पकड़ा तो उदित कार से उतरकर भागा। आरक्षक सौरभ ने पीछा कर उसे दबोच लिया, फिर सड़क पर खड़ा करके लाठियों से पीटा। इस दौरान आरक्षक संतोष बामनिया ने उदित को पकड़ रखा था। कुछ देर बाद जब उदित दोस्तों के साथ वापस कार में सवार हुआ तो उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने अग्न्याशय में चोट लगने के कारण मौत की पुष्टि की थी।
उसके बाद भी पुलिस अपने ही आरक्षकों पर मामला दर्ज करने से बच रही थी। मामला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संज्ञान में आया तो उन्होंने पुलिस उच्चाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अपराध करने वाला कोई हो, उस पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद देर रात आरक्षक सौरभ और संतोष के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज कर लिया गया।
इंजीनियर उदित गायकी की मौत के बाद पिपलानी थाना पुलिस ने अपने दोनों आरक्षकों के बयान लिए थे। उसमें आरक्षक सौरभ और संतोष ने बताया कि गश्त के दौरान उन्हें लाल रंग की कार दिखाई दी थी, जिसमें तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था और शराब पार्टी चल रही थी। वहां पहुंचे तो उदित कार से उतरकर भागा। हम दोनों ने उसे पकड़ा और समझाकर उसके दोस्तों को सौंप दिया था।
पुलिस ने शाम को दोनों आरक्षकों के बयान दर्ज कर उन्हें जाने दिया। उसके बाद पुलिस ने दोनों को निलंबित कर दिया। बात एफआईआर तक पहुंचने से पहले दोनों आरक्षक फरार हो गए थे। शनिवार को पुलिस ने आरोपितों के घर पर दबिश दी, लेकिन सौरभ आर्य पिपलानी स्थित अपने घर से गायब मिला। वहीं संतोष बामनिया को पकड़ने गई टीम भी खाली हाथ लौटी।
अप्रैल 2025 में हनुमानगंज पुलिस ने शाहजहांनाबाद निवासी युवराज केवट को बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस उसे अगले दिन कोर्ट में पेश करने ले गई थी, इसी दौरान उसकी मौत हो गई थी। स्वजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने युवराज को रात भर पीटा था, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। इस मामले के बाद न तो थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई हुई और न ही किसी अन्य पुलिसकर्मी पर।
जून 2019 में बैरागढ़ थाने में पुलिसकर्मियों ने एक अन्य पुलिसकर्मी के बेटे शिवम मिश्रा की जमकर पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई थी। उस समय टीआइ अजय शर्मा और एसआई राजेश तिवारी समेत पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई थी। वे सभी पुलिसकर्मी पदोन्नति लेकर अब कहीं टीआई तो कहीं डीएसपी के रूप में कार्यरत हैं।
कुख्यात बदमाश रईस रेडियो के बेटे मोहसिन को क्राइम ब्रांच पुलिस ने वर्ष 2015 में गिरफ्तार किया था। मोहसिन को मनोरोगी बताया गया तो पुलिस उसे लेकर ग्वालियर जेल पहुंची थी, जहां उसे जेल में भर्ती करने से पहले ही मृत घोषित कर दिया गया। तत्कालीन टीआइ मनीष भदौरिया पर मारपीट का आरोप लगा, हाल ही उन्हें मिसरोद थाने से हटाया गया है।