Nautapa News: नौतपा में न पास आता है सूर्य, न किरणें होती हैं पूरी सीधी
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने नौतपा से जुड़ी भ्रांतियों को वैज्ञानिक ढंग से तथ्यों के साथ दूर किया।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Thu, 25 May 2023 12:12:48 PM (IST)
Updated Date: Thu, 25 May 2023 01:59:12 PM (IST)

भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। नौतपा आज (25 मई) से आरंभ हो रहे हैं। गर्मी से जुड़ी मान्यता के साथ अनेक भ्रांतियां इसके साथ सामने आती रहती हैं। इसे दूर करने वैज्ञानिक जानकारी देते हुए नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि आकाश में सूर्य की परिक्रमा करती पृथ्वी हर साल 25 मई को उस स्थिति में पहुंच जाती है कि सूर्य के पीछे रोहिणी नक्षत्र आ जाता है, जिस प्रकार हर 365 दिन बाद आप अपना जन्मदिन मनाते हैं। उसी तरह हर 365 दिन बाद नवतपा की खगोलीय स्थिति बनती है।
सारिका ने बताया कि 25 मई से दो जून तक नवतपा का आना तय होता है। सूर्य के पीछे रोहिणी तारा आने की घटना सन 1000 में 11 मई को हुआ करती थी। सन 1400 में 17 मई को होती थी। संभवत: इस अवधि में भारत के मध्यभाग में तीव्र गर्मी होने से इस खगोलीय पर्व का सम्बंध प्रचंड गर्मी से जोड़ दिया गया हो। खगोलीय पिंडों की गति से मौसम का संबंध जोड़ते हुए इसके बारे में पसीने छुड़ाने वाला समय माना जाता है, लेकिन जलवायु परिवर्तन में अन्य खगोलीय परिवर्तनों से यह हर बार हो यह जरूरी नहीं होता है।
सारिका ने बताया कि इंटरनेट मीडिया में यह बताया जाता है कि नौतपा में सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती हैं, जबकि कर्क रेखा के पास स्थित स्थानों में तो सूर्य की किरणें जून के तीसरे सप्ताह में लम्बवत होती हैं। इसी प्रकार यह बताया जाता है कि नौतपा में सूर्य पृथ्वी के पास आता है, जबकि सूर्य पृथ्वी के सबसे पास चार जनवरी को आता है, उस समय तो शीतऋतु रहती है। सूर्य इस समय पृथ्वी से दूर जा रहा है और चार जुलाई को यह साल की सबसे अधिक दूरी पर होगा। इसलिए नौतपा में न तो सूर्य की किरणें पूरी तरह सीधी पड़ती है और न ही सूर्य पृथ्वी के पास रहता है।
सूर्य की किरणों का झुकाव मध्याह्न में
मई - 88 डिग्री
जून - 90 डिग्री
दिसम्बर - 43 डिग्री
सूर्य से पृथ्वी की दूरी
4 जनवरी -14 करोड़ 70 लाख किमी से कुछ अधिक
25 मई - 15 करोड़ 14 लाख किमी से कुछ अधिक
4 जुलाई - 15 करोड़ 20 लाख किमी से कुछ अधिक