Navdunia Hello Doctor: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। वर्षा ऋतु में पित्त ज्यादा बनने की वजह से पाचन शक्ति कम हो जाती है। मौसमी बीमारियां भी ज्यादा होती हैं। इन सब कारणों से प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।ऐसे में बीमारयों से बचना है तो प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रखनी होगी। इसके लिए खान-पान अच्छा होना चाहिए। प्रोटीन वाली चीजें जैसे दाल, दूध व इससे बनी चीजें और दही खाएं। विटामिन सी से भी प्रतिरोधक शक्ति अच्छी होती है। इसके लिए खट्टी चीजें जैसे आंवला, संतरा आदि का सेवन करें। यह बात नवदुनिया 'हेलो डाक्टर" में खुशीलाल श्ार्मा आयुर्वेद कालेज की सह प्राध्यापक एवं पंचकर्म विभाग की एचओडी डा. कामिनी सोनी ने कही।
- पसीना आने के साथ ही खुजली होती है। क्या करें। (राजेश कुमार, कोलार)
जवाब - खुजली वाले पाउडर लगाएं, लेकिन कोई क्रीम और तेल लगाने से बचें। कई आयुर्वेदिक क्रीम भी आती हैं। इन्हें लगा सकते हैं।
- बारिश के दिनों में कौन- कौन से सावधानियां रखनी चाहिए। (अजय राय, कोटरा सुल्तानाबाद )
जवाब-वर्षा ऋतु में वात दोष बढ़ने की वजह से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। इन दिनों पित्त भी बढ़ता है। ऐसे में जरूरी है कि सुपाच्य भोजन करें। रात का भोजन लेने की जगह कोई हल्की चीज खाएं तो और बेहतर होगा। शरीर में खुजली के लिए नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएं। आंवले का जूस लें।
-भीगने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं। (राजीव अग्रवाल, देवास)
जवाब-- ज्यादा देर तक गीले रहने से शरीर में दाने और त्वचा संबंधी दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। ढीले कपड़े पहने जो भीगने के बाद भी जल्दी सूख जाएं। अलग से एक जोड़ी सूखे कपड़े रखें। छाता साथ में रखें।
- पेप्टिक अल्सर की शिकायत है। क्या करना चाहिए। (ओपी सिंह, कटारा हिल्स)
जवाब- तेल मसाले वाले चीजें नहीं खाएं। दोपहर के भोजन में दही जरूर लें। सुबह एक कप ठंडा दूध में गाय का एक चम्मच गाय का घ्ाी डालकर सेवन करें। दूध में हल्दी नहीं डालें। ग्रीन टी ले सकते हैं , लेकिन उसमें काली मिर्च, सोंठ आदि नहीं डालें। भूमि आवंला, कालमेघ और एलोबेरा का सेवन करें।