भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी के फंदा ब्लाक स्थित सिकंदराबाद की तर्ज पर प्रदेश की सभी पोषण वाटिकाओं का नाम अब मां की बगिया रखा जाएगा। प्रदेश के जिले में मनरेगा के अभिसरण के तहत यह मां की बगिया बनाई जाएगी और जहां जगह न हो वहां ग्राम पंचायत की मदद से जमीन तलाश कर बनाई जाएगी।
मिंटो हाल में आयोजित पोषण वाटिकाओं का वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम के तहत गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सीएम हाउस में भी किचन गार्डन है। इसका नाम भी मां की बगिया रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों से इन बगिया में काम करवाया जाए, ताकि बच्चे भी बागवानी के बारे में समझ सकें। स्कूल की स्वच्छता एवं मां की बगिया के विकास एवं संरक्षण में विद्यार्थियों का पूरा योगदान लिया जाए। बता दें कि किचन शेड और किचन गार्डन के वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम में कोरोना काल में प्रदेशभर में बनाए गए 2500 किचन सेट और 7100 पोषण वाटिका का लोकार्पण किया गया। सीएम ने इस दौरान मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोइया, ग्राम सरपंचों और शाला प्रबंध समिति के सदस्यों से भी वर्चुअल चर्चा की।
बता दें कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 5000 रुपये प्रति शाला को शासन के नियमानुसार दिए गए हैं। इसमें शाला में लगी स्वसहायता समूह द्वारा शिक्षकों के मार्गदर्शन में पोषण वाटिकाएं तैयार की गई हैं। इनमें सब्जियों को उगाने के लिए सिर्फ गोबर एवं जैविक खाद का ही उपयोग किया जा रहा है।
सिकंदराबाद में पथरीली जमीन पर बनी मां की बगिया
भोपाल जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत फंदा के ग्राम सिकंदराबाद में प्राथमिक-माध्यमिक शाला में किचन सेड के समीप पथरीली भूमि को बाल विकास स्वसहायता समूह ने हरा-भरा कर किचन गार्डन बनाया है। किचन गार्डन को तीन क्षेत्रों में विभाजित कर लगभग 1100 वर्गफीट में तैयार किया गया है। इसके दो भाग में सब्जियां एवं एक भाग में फलदार पौधे लगे हैं। इसके साथ ही पौधों के बीच अदरक-लहसुन को भी रोपा गया है। विद्यार्थियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए संतुलित आहार के रूप में इन्हीं सब्जियों में से प्रतिदिन अलग-अलग तरह की सब्जियों को पकाकर परोसा जाएगा। वर्तमान में शालाएं बंद होने के कारण उत्पादित सब्जियों को छात्र-छात्राओं को वितरित किया जा रहा है।
वर्चुअल संवाद में सीएम को दिया आमंत्रण
कार्यक्रम के दौरान सिकंदराबाद की स्वसहायता समूह की महिलाओं के साथ सीएम ने वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। इस दौरान पूछा कि आपने किचन गार्डन का नाम मां की बगिया क्यों रखा है। इस पर स्वसहायता समूह की रसोईया सुनीता मारण ने बताया कि बच्चों को मां की बगिया से ही बेहतर पोषण आहार मिल सकता है। मां दुनिया में सबसे बड़ी होती है। बच्चों के लिए प्यार, आर्शीवाद और पोषण का दूसरा नाम है मां की बगिया। इसलिए यह नाम रखा गया है। इस दौरान सिकंदराबाद की सरपंच ममता अहिरवार ने सीएम को बगिया की सब्जी से बने भोजन के लिए आमंत्रित किया। इस पर सीएम ने आमंत्रण स्वीकार्य करते हुए कहा कि फुर्सत मिलने पर जरूर अऊंगा।
यह भी कहा सीएम ने
हम तो अपने स्कूल में झाड़ू लगाते थे : पहले बच्चे अपने स्कूल में स्वच्छता तथा स्कूल की तरक्की में अपना पूरा योगदान देते थे। हम तो अपने स्कूल में झाड़ू लगाते थे। स्कूल की स्वच्छता आदि के काम में कोई शर्म नहीं है। विद्यार्थियों को यह काम करना चाहिए।
भोजन हितभुक, मितभुक और ऋतुभक हो : भोजन हितभुक अर्थात शरीर के लिए लाभदायी, मितभुक अर्थात सीमित मात्रा में तथा ऋतुभुक अर्थात मौसम के अनुरूप होगा, तभी हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। स्कूल में पोषण वाटिका बनाने का उद्देश्य है बच्चों को ताजी व अच्छी सब्जियां मध्याह्न भोजन के लिए मिल सकें।
सरपंच, रसोइये, शिक्षक पालक संघ से संवाद किया : कार्यक्रम में बालाघाट जिले के ग्राम जंगलटोला की सरपंच गुणवंता बिसेन, ग्वालियर जिले के ग्राम उटीला (मुरार) के शिक्षक पालक संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र बघेल तथा गायत्री देवी से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने अच्छा किचन शेड निर्माण के लिए उन्हें बधाई दी।