राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में हाई कोर्ट के निर्देश पर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद भी कलेक्टर अपने जिलों में संस्थानों के निरीक्षण में रुचि नहीं ले रहे हैं। स्थिति यह है कि तीन माह से अधिक का समय मिलने के बाद भी 22 कॉलेजों का निरीक्षण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, जबकि 30 अक्टूबर प्रवेश की अंतिम तारीख है।
बचे कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट में मान्यता की अनुशंसा होने पर नर्सिंग काउंसिल ने इन्हें दूसरे चरण की काउंसिलिंग में सम्मिलित करने की तैयारी की है। निर्धारित कैलेंडर के अनुसार 14 जुलाई तक कॉलेजों का निरीक्षण पूरा हो जाना था, जो अभी भी अधूरा है। इस कारण काउंसिलिंग की प्रक्रिया में दो माह से अधिक की देरी हो चुकी है। इसका नुकसान विद्यार्थी और कालेज दोनों को उठाना पड़ा है।
आसपास के दूसरे राज्यों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है। प्रदेश में अवसर नहीं मिलने पर विद्यार्थी दूसरे राज्यों में प्रवेश ले सकते थे। इसी तरह से दूसरे राज्यों के विद्यार्थी भी प्रवेश के लिए मध्य प्रदेश में नहीं आ पाए, जिससे यहां के कॉलेजों में सीटें खाली रह जाएंगी। अभी की स्थिति में नर्सिंग डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम की 28,560 सीटें हैं, लेकिन प्रवेश के लिए पंजीयन मात्र 17,735 अभ्यर्थियों ने ही कराया है।
प्रदेश में 20 सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं, जिनमें डिग्री पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। इसमें बीएससी (नर्सिंग), एमएससी (नर्सिंग) और पोस्ट बेसिक बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम शामिल हैं।
इनमें अभी तक आठ कॉलेजों को ही मान्यता मिल पाई है। कलेक्टरों की निरीक्षण रिपोर्ट में अलग-अलग जगह प्राचार्य, उप प्राचार्य व अन्य फैकल्टी की कमी बताई गई है। अब सरकार इन कमियां को पूरा करने में लगी है, जिससे 30 अक्टूबर के पहले प्रवेश हो सकेंगे। शुरू में चार कॉलेजों को ही नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता दी थी। इसके बाद कमियां दूर करने पर चार और को मान्यता मिल गई।