नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में 1959 के रिकॉर्ड में सरकारी दर्ज 0.430 हेक्टेयर जमीन का फर्जी तरीके से नामांतरण कर दिया गया है। मामला हुजूर तहसील के रातीबड़ पंचायत के फतेहपुर डोबरा का है। जहां अहस्तांतरणीय जमीन का फर्जी प्रतिवेदन बनाकर पटवारी सत्यप्रकाश यादव ने नामांतरण करा दिया।
मामले का खुलासा होने के बाद पटवारी को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। इसके साथ तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी ने कलेक्टर को नामांतरण निरस्त करने का प्रस्ताव भी भेजा है। सरकारी जमीन की कीमत करीब तीन करोड़ रुपये आंकी गई है।
भदभदा रोड निवासी पुष्पा परिहार की फतेहपुर डोबरा में 0.430 हेक्टेयर जमीन है। यह जमीन 1959 के सरकारी रिकॉर्ड में अहस्तांतरणीय दर्ज है। परिहार ने यह जमीन 21 सितंबर 2010 को सूरज नगर निवासी निशा सिंह को बेच दी थी। जमीन रिकॉर्ड में सरकारी होने से इसका नामांतरण नहीं हो पा रहा था।
तत्कालीन पटवारी सत्यप्रकाश यादव के पास जब यह मामला पहुंचा, तो उन्होंने प्रतिवेदन में 1959 के रिकॉर्ड में इस जमीन को पुष्पा परिहार के निजी स्वामित्व की बता दी। यादव के द्वारा यह जानकारी छुपा ली गई। जिसके आधार पर हुजूर तहसीलदार ने जमीन का नामांतरण 27 मई 2025 को निशा सिंह के नाम कर दिया।
तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी ने फतेहपुर डोबरा की जमीन का नामांतरण करने के दौरान पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर नामांतरण कर दिया। जबकि उन्होंने सरकारी रिकॉर्ड में जमीन के मालिकाना हक की पुष्टि नहीं की, जिसकी वजह से सरकारी जमीन का नामांतरण कर दिया गया। इधर नोटिस के बाद पटवारी ने जवाब दे दिया है।