राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों से स्वदेशी अपनाने की अपील के बाद बाद राज्य सरकार स्वदेशी को बढ़ाने के लिए हर स्तर पर जुट गई है। भाजपा और सरकार दोनों की ओर से अलग-अलग अभियान चलाए जाएंगे। उधर, स्वदेशी जागरण मंच भी 25 सितंबर से छह माह का अभियान प्रारंभ करने जा रहा है। 'स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन' की थीम पर अभियान चलेगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की समविचारधारा के संगठन स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, सहकार भारती, लघु उद्योग भारती और ग्राहक पंचायत मिलकर अभियान को घर-घर पहुंचाएंगे। सरकार की तरफ से जनअभियान परिषद भी इस काम में जुटेगा। आमजन को बताया जाएगा कौन से ब्रांड स्वदेशी हैं और कौन विदेशी।
स्वदेशी अपनाने के लाभ क्या हैं। इसकी जरूरत क्यों हैं। स्वदेशी नहीं अपनाने पर देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरिक्त सरकार की तरफ से भी 25 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वदेशी जागरण सप्ताह प्रारंभ किया जाएगा। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल से करेंगे। इसमें स्वदेशी जागरण मंच और जन अभियान परिषद भागीदारी करेंगे।
मंच के क्षेत्रीय संगठक केशव दुबोलिया ने बताया कि पिछले सप्ताह हैदराबाद में हुई स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देशभर में छह माह का अभियान चलाने का निर्णय हुआ है। पहली बार है जब आरएसएस के संगठन मिलकर स्वदेशी के लिए इतना बड़ा अभियान चलाने जा रहे हैं।
अभियान के अंतर्गत प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बड़े स्वदेशी मेले आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया के मंच की तरफ से प्रदेश भर में 20 लाख पत्रक पिछले छह माह में बांटे गए हैं। इन पत्रकों में विदेशी और स्वदेशी ब्रांडों की जानकारी दी गई है।
देशभर में स्वदेशी उत्पादों में स्वदेशी का लोगो लगाने के लिए केंद्र सरकार और स्वदेशी जागरण मंच के बीच बातचीत चल रही है। मंच के एक अखिल भारतीय पदाधिकारी ने बताया कि इस प्रस्ताव में अच्छी प्रगति है। सरकार के स्तर पर स्वदेशी सर्टिफिकेशन का काम चल रहा है। यह इसी वर्ष अंत तक अमल में आने की आशा है। इसके बाद शाकाहारी और मांसाहारी उत्पाद की तरह यह पता करना आसान हो जाएगा कि कौन सी वस्तु स्वदेशी है और कौन सी विदेशी।