
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। डिजिटल ठगी का जाल अब इतना बारीक और खतरनाक हो चुका है कि अनुभवी लोग भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। अरेरा कॉलोनी में रहने वाले 66 वर्षीय नितिन नांदगांवकर वित्त विभाग के निदेशक रह चुके हैं। बुधवार को वे एक चूक कर बैठे। उन्होंने स्टार 21 के साथ शुरू हो रहा है एक नंबर डायल कर दिया। इससे उनका फोन हैक हो गया। घटना तब हुई, जब उन्हें एक फोन काल आया।
फोन करने वाला व्यक्ति खुद को एक ई-कॉमर्स कंपनी का प्रतिनिधि बता रहा था। उसने बताया कि एक पार्सल उनकी ओर से डिलीवर होने वाला है, लेकिन डिलीवरी ब्वाय उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा। मदद के नाम पर उसने पूर्व अधिकारी को एक नंबर भेजा, जिसमें डिलेवरी बाय के नंबर के आगे स्टार *21 लगा हुआ था, पूर्व अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसे डायल कर बैठे। इसके बाद अचानक उनका फोन बंद-सा पड़ गया।
असल में फोन हैक हो चुका था। कुछ ही मिनटों में उनका वॉट्सएप लागआउट हो गया और स्क्रीन पर अनजान डिवाइस से लागिन नोटिफिकेशन दिखाई दिया। उन्होंने अपनी पत्नी के फोन नंबर से लागिन करना चाहा तो उस नंबर से भी वॉट्सएप हैक हो गया। अब दोनों के नाम से उनके रिश्तेदारों व परिचितों को रुपयों की मांग को लेकर संदेश भेजे जाने लगे।
संयोग से पूर्व अधिकारी उसी दिन एक परिचित के यहां तेरहवीं में शामिल होने गए थे। वहां कई रिश्तेदारों-परिचितों ने उनसे पूछ लिया कि अचानक पैसे की क्या जरूरत आ पड़ी है...? उसके बाद उनको समझ में आया कि उनके साथ जालसाजी हुई है।
नितिन नांदगांवकर और उनकी पत्नी नीलम जैन ने हबीबगंज थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के मुताबिक यह नया "पार्सल-डिलीवरी काल फारवर्डिंग स्कैम’ है, जिसमें ठग जानबूझकर स्टार 21 जैसे काल फारवर्डिंग कोड डायल करवाकर फोन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते हैं। इसके बाद अकाउंट हैक कर लिया जाता है।
साइबर ठगों ने हाल ही में नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी के फर्जी वॉट्सएप अकाउंट बनाकर उनके परिचितों से रुपयों की मांग की थी। हालांकि उनके फोन हैक होने की पुष्टि नहीं हुई थी।
ऐसे बचें साइबर ठगों के नए जाल से