राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। एक के ऊपर एक सात पत्थर जमाकर गेंद से गिराने का खेल कहीं पिट्टू तो कहीं सितोलिया या दूसरे नाम से छोटी उम्र में अधिकतर लोगों ने खेला है, पर बड़े होने पर यह सिर्फ यादों में ही रह जाता है। कारण यह कि इसे बच्चों का ही खेल माना जाता रहा है, जो कभी भी प्रतियोगिताओं का हिस्सा नहीं रहा। अब प्रदेश सरकार पहली बार इस खेल को खेलो एमपी यूथ गेम्स में ला रही है। इससे इस खेल को पहचान मिल सकेगी।
खेलो एमपी यूथ गेम्स के अंतर्गत जिला, संभाग और राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में इस खेल को सम्मिलित किया जाएगा। खेल एवं युवा कल्याण विभाग खेल की नियमावली और प्रतियोगिता की रूपरेखा की तैयारी कर रहा है। बता दें कि देश में खेलो इंडिया की तरह खेलो एमपी यूथ गेम्स आयोजित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र की उन प्रतिभाओं को मंच देना है जो किसी कारण से स्कूल-कॉलेज की प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाते हैं।
इसमें एथेलेटिक्स, बॉक्सिंग, कबड्डी, खो-खो, मलखंभ, तैराकी जैसे 25 खेल पहले से शामिल हैं। अब इसमें पिट्टू को भी शामिल किया गया है। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि पारंपरिक खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। खेल संघों के साथ भी बैठक की है जिससे खेलो एमपी यूथ गेम्स में शामिल खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर आगे ले जाया जा सके।
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