भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। रेलवे चाइल्ड लाइन, भोपाल ने शनिवार को थाना जीआरपी के साथ मिलकर शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन पर कुली और ऑटो चालकों के साथ बाल लैंगिक शोषण व चाइल्ड लाइन सर्विस के बारे में एकदिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान एनसीआरबी की रिपोर्ट पर आधारित आंकड़े को साझा करते हुए बताया गया कि भारत में प्रतिदिन करीब 100 बच्चे गुम होते हैं और मप्र इसमें प्रथम स्थान पर है। उन्हें समझाया गया कि यदि सभी लोग रेलवे स्टेशन पर आने वाले बेसहारा, अकेले बच्चों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाएं तो मध्यप्रदेश में इस आंकड़े को कम किया जा सकता है और अधिक से अधिक बच्चों को गुम होने से रोका जा सकता है।
इस कार्यशाला में लगभग 80 ऑटो चालक, कुली व जीआरपी स्टाफ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान गत सप्ताह भोपाल के ही एक ऑटो चालक को एक बालिका की सुरक्षा व मदद करने पर उसे असली हीरो के रूप में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए अवार्ड का वीडियो भी दिखाया गया। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों के सवालों के उत्तर भी दिए गए। कार्यक्रम का संचालन व अन्य जानकारी चाइल्ड लाइन टीम की सदस्य अल्पना कुजूर के द्वारा दी गई। कार्यक्रम का आयोजन रेलवे चाइल्ड लाइन समन्वयक संजीव जोशी के द्वारा टीम के साथ मिलकर किया गया।
ऑनलाइन लोक अदालत में 155 प्रकरणों का निराकरण
उधर, मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शनिवार को ऑनलाइन लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें 155 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें कुल छह करोड़ 43 लाख 95 हजार 771 रुपये देने के आदेश पारित हुए। इससे कुल 344 लोग लाभान्वित हुए। प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि कुल 155 प्रकरणों का निराकरण ऑनलाइन किया गया। इसमें 46 मोटरयान दुर्घटना, धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के 98, सिविल के एक, आपराधिक प्रकरण के सात और तीन अन्य प्रकरण शामिल हैं।