
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल और पूरे मध्यप्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा फर्जी फोन कॉल से परेशान है। पिछले छह महीनों में करीब 5.72 लाख कॉल ऐसे आए जो सिर्फ मजाक, टाइमपास या शरारत के लिए किए गए थे। इससे न सिर्फ कॉल सेंटर का स्टाफ उलझा रहा बल्कि एम्बुलेंस के 1500 घंटे बर्बाद हो गए। कुछ लोग गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप का दुख एम्बुलेंस कॉल सेंटर को सुनाते हैं, तो कुछ सिर्फ मजे के लिए बार-बार फोन करते हैं।
सेवा संचालित करने वाली एजेंसी जय अंबे हेल्थकेयर के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार ने बताया कि अब ऐसे कॉलर्स के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी, क्योंकि इनकी हरकतें कई बार गंभीर मरीजों की मदद में देरी कर देती हैं।
कोलार रोड का एक मामला इसका ताजा उदाहरण है। एक व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि हालत खराब है। 15 मिनट में एम्बुलेंस उसके घर पहुंची, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। जब टीम ने कॉल किया तो उसने कहा कि अब जरूरत नहीं है। ऐसे झूठे कॉल हरदिन आते हैं और एम्बुलेंस का कीमती समय खराब होता है।
कॉल सेंटर के मुताबिक कई नंबर ऐसे हैं जो 150 से 200 बार फर्जी कॉल करते हैं। इनमें बच्चे, नशे में युवक और कॉल सेंटर में बैठी महिला स्टाफ को परेशान करने वाले लोग भी शामिल हैं। कंपनी अब ऐसे नंबर ट्रैक कर रही है, ताकि आगे सीधे कानूनी कार्रवाई की जा सके। इसके लिए एक विशेष स्टडी शुरू की गई है।
झूठे कॉल के कारण कॉल सेंटर की लाइनें कुछ सेकेंड के लिए ब्लॉक हो जाती हैं। इसी दौरान किसी असली मरीज की काल मिस हो जाती है। कई बार एम्बुलेंस को 50 से 60 किलोमीटर तक बेकार दौड़ना पड़ता है। तरुण परिहार के मुताबिक एक फर्जी काल किसी जरूरतमंद की जान पर भारी पड़ सकता है। जब तक एम्बुलेंस वापस लौटती है, तब तक किसी और को तुरंत मदद की जरूरत पड़ जाती है।