नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। जिनके नाम वर्ष-2003 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें नई सूची में अपना नाम कटने से बचाने के लिए पहचान के तीन दस्तावेज पेश करने पड़ेंगे। वहीं जिन लोगों के पिता का नाम इस मतदाता सूची में है, उन्हें पिता से संबंध का प्रमाण पेश करने के साथ पहचान का एक दस्तावेज देना अनिवार्य होगा।
यह कवायद मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का हिस्सा है। दरअसल बिहार चुनाव के पहले 65 लाख मतदाता के नाम काटने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश में भी सूची के गहन पुनरीक्षण की तैयारी शुरु कर दी है। जिसे एसआइआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) नाम दिया गया है। इस तरह की कवारयद यहां 22 साल बाद होने जा रही है। इससे पहले वर्ष 2003 में विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था। उस समय भोपाल में केवल चार विधानसभा क्षेत्र थे, जिसमें गोविंदपुरा, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर और बैरसिया शामिल थे।
इन विधानसभाओं में 11 लाख 81 हजार 531 मतदाता थे। निर्वाचन आयोग ने इन मतदाता का गहन परीक्षण करने के बाद ही अंतिम सूची जारी की थी। वर्तमान में राजधानी में सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें बैरसिया, उत्तर, नरेला, दक्षिण-पश्चिम, मध्य, गोविंदपुरा और हुजूर हैं। यहां वर्तमान में की 21 लाख 18 हजार 364 मतदाता हैं।
यह संख्या 22 साल पुरानी मतदाता सूची से दोगुना से भी ज्यादा है, सूची का एसआइआर होने से यहां भी भारी संख्या में नाम काटे जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने फिलहाल 2025 की मतदाता सूची का 2003 की मतदाता सूची से मिलान का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए बूथ स्तर के अधिकारियों को काम पर लगाया गया है। मिलान का काम पूरा होने के बाद जिनके नाम 2003 की सूची में नहीं होंगे, उनको बीएलओ सूचना देगा। उसी के आधार पर मतदाता को दस्तावेज पेश करना होगा।
अधिकारियों का कहना है कि जिन मतदाता के नाम वर्ष-2003 की सूची में दर्ज होगा, उन्हें किसी भी तरह का दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें सिर्फ 2003 में दर्ज नाम का रिकॉर्ड पेश करना पड़ेगा। जिन लोगों के पिता का नाम दर्ज है, उन्हें भी पिता के नाम का ब्यौरा अपने फार्म में दर्ज करना पड़ेगा।
इस अभियान के तहत 1987 के पहले जन्म लेने वाले मतदाता को एक दस्तावेज देना पड़ेगा। इसके साथ 1987 से 2003 के बीच जन्म लेने वाले मतदाता को पहचान के दो दस्तावेज पेश करना पड़ेंगे। जबकि 2003 से अब तक वालों को तीन दस्तावेज देना अनिवार्य किया गया है।
मतदाता सूची का गहन परीक्षण होने के साथ ही बीएलओ को न्यूमेरेशन फार्म दिए जाएंगे। यह फार्म बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता को दो कापी में देंगे, जिसमें एक कापी पर पावती भी ली जाएगी। इस फार्म को तय समय में भरने के साथ दस्तावेज भी पेश करना अनिवार्य होगा। आयोग इस फार्म की व्यवस्था ऑनलाइन भी रखेगा, जिससे मतदाता ऑनलाइन भी इस फार्म को भर सकेंगे।
नरेला विधानसभा क्षेत्र के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी रवीश श्रीवास्तव ने 77 बीएलओ और चार बीएलओ सुपरवाइजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने मतदाता सूचीयों के मिलान का काम शुरू नहीं किया है। सभी को निर्देशित किया है कि वह जल्द से जल्द निर्वाचन संबंधी कार्य शुरू करें और अपना जवाब भी पेश करें। यदि जवाब नहीं दिया जाता है तो एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची के मिलान का कार्य किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को सौंपी गई है, यदि बीएलओ द्वारा निर्वाचन के काम में लापरवाही बरती जाती है, तो उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। - कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी