राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। पदोन्नति नियम का विवाद फिर अदालत पहुंच गया है। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग को 36 प्रतिशत से अधिक पदों पर पदोन्नति दिए जाने के प्रविधान को चुनौती दी गई है। सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संस्था (सपाक्स) से जुड़े पशुपालन एवं डेयरी विभाग और विद्युत मंडल से जुड़े कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में नियम के प्रविधानों के विरुद्ध याचिका दायर की है। साथ ही जल्द सुनवाई का आवेदन भी लगाया है।
सामान्य वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने पदोन्नति नियम 2002 के आरक्षण संबंधी प्रविधानों के विरोध में हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी। वर्ष 2016 में हाई कोर्ट ने नियम को विधि विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया था। तब से पदोन्नतियां बंद थीं और कर्मचारी संगठन सरकार पर नए नियम लागू करने को लेकर दबाव बना रहे थे। सरकार ने विधि विशेषज्ञों और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से परामर्श करने के बाद नए नियम बनाए लेकिन इसमें भी आरक्षण संबंधी वही सब प्रविधान किए गए जो पहले थे।
आरक्षित वर्ग को 36 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ अनारक्षित वर्ग के पदों पर पदोन्नति का अवसर भी दिया। वहीं, पुराने नियम से जो अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नत होकर सामान्य वर्ग से आगे हो गए थे, उन्हें पदावनत भी नहीं किया। जबकि, हाई कोर्ट ने पदावनत करने के लिए कहा था। इसके विरुद्ध सरकार उच्चतम न्यायालय चली गई थी और यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए थे। तब से न तो पदोन्नतियां हुईं और न ही किसी को पदावनत किया गया।
इधर, नए नियम से पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसके विरोध में मंत्रालय के सामान्य वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। अब सपाक्स से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों ने हाई कोर्ट जबलपुर में नए नियम के अनारक्षित वर्ग के पदों पर पदोन्नति का अवसर देने और पुराने नियम से पदोन्नत हुए कर्मचारियों को पदावनत कर फिर पदोन्नति प्रारंभ करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। संस्था के प्रांताध्यक्ष केपीएस तोमर का कहना है कि नए नियम स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। इसमें वही सब प्रविधान हैं, जिसके विरोध में इतनी लंबी लड़ाई लड़ी गई थी।
उधर, सरकार भी हाई कोर्ट जबलपुर के साथ इंदौर और ग्वालियर खंडपीठ में कैविएट पहले ही दायर कर चुकी है। दरअसल, जिस तरह से नियम को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे थे, इससे पूरी संभावना थी कि विवाद न्यायालय पहुंचेगा।