
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकायों में पारदर्शिता, दक्षता और आर्थिक बचत के उद्देश्य से फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू की है, लेकिन कुछ जगह कर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। विभाग ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे पांच हजार से अधिक कर्मचारियों का बर्खास्त किया है, जो आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली में गैरहाजिर मिले हैं।
आयुक्त संकेत भोंडवे ने इसे पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। कहा कि फर्जी वेतन भुगतान और डीजल चोरी जैसी अनैतिक गतिविधियां रोकने में मदद मिल रही है। इससे विभाग के करोड़ों रुपए बचेंगे। आयुक्त भोंडवे ने बताया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से कर्मचारियों की उपस्थिति, समयनपालन और कार्यकुशलता की रियलटाइम मॉनिटरिंग के साथ उनमें अनुशासन और उत्तरदायित्व की भावना को बल मिल रहा है। कुछ जगह निगमकर्मी खासकर वाहन चालकों ने हड़ताल जैसे प्रयास किए हैं।
हालांकि, अधिकांश सफाई कर्मी और अन्य कर्मचारी तकनीक आधारित नई व्यवस्था से संतुष्ट हैं। भारत सरकार भी इसकी प्रशंसा कर चुका है। डीजल चोरी जैसी अनियमितताओं पर रोक लगी संकेत भोंडवे ने बताया कि इस प्रणाली के लागू होने से फर्जी वेतन भुगतान की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है। अब तक 5000 से अधिक गैरहाजिर या फर्जी नामों को ड्यूटी सूची से हटाया जा चुका है, जिससे आर्थिक बचत हो रही है। एईबीएएस (आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली) से शहरी विकास विभाग के प्रमुख व्यय मद वेतन, ऊर्जा और डीजल में व्यापक सुधार हो रहा है। डीजल चोरी पर भी रोक लग रही है। यह विभाग का तीसरा सबसे बड़ा व्यय मद रहा है।
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भोंडवे ने बताया कि यह पहल भविष्य में विकसित होने वाली ई-एचआरएमएस (इलेक्ट्रानिक ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) प्रणाली की आधारशिला भी बनेगी, इससे संपूर्ण मानव संसाधन प्रबंधन को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाएगा। साथ ही समय की पाबंदी और कार्य कुशलता के अलावा फर्जी वेतन से करोड़ों रुपये बचाएंगे। जिनके पास आधुनिक क्षमता पूर्ण मोबाइल नहीं है ऐसे स्वच्छता कर्मी की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सुपरवाइजर्स को टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।