राज्य ब्यूरो, नईदुनिया भोपाल। प्रदेश में लोक परिवहन सेवा अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक सबसे पहले इंदौर, इसके बाद उज्जैन और फिर जबलपुर से प्रारंभ होगी। छह माह के भीतर रीवा, सागर ग्वालियर, भोपाल आदि शहरों से सेवा प्रारंभ करने की तैयारी है। शुरू में 50 से 100 किमी दूर तक के लिए बसें चलाई जाएंगी। इसके बाद सुविधा का परीक्षण कर इसमें विस्तार किया जाएगा। कुछ जगह रूट सर्वे का काम पूरा हो गया है और कई जगह चल रहा है।
नगरीय निकायों के नियंत्रण में पहले से चल रही बसों को भी संभागीय स्तर पर क्षेत्रीय सहायक कंपनियां बनाकर उसके नियंत्रण में लाया जाएगा। भोपाल शहर में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) बसों का संचालन कर रही है।
इसी तरह से इंदौर व अन्य शहरों में बसें निजी ऑपरेटरों की हैं, पर नियंत्रण स्थानीय प्रशासन का होता है। लोक परिवहन सेवा के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी बनाई जा रही है। इसके नीचे सात संभागीय मुख्यालयों के स्तर पर सहायक कंपनियां बनाई जाएंगी।
बस संचालन के लिए उज्जैन में रूट सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। इंदौर और जबलपुर में श्रेणीवार संचालित बसों की संख्या का अनुमान और रूट सर्वे भी लगभग अंतिम चरण में है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी निजी बस ऑपरेटरों से अनुबंध कर बसें चलाई जाएंगी। आगे चलकर इलेक्ट्रिक बसें चलाने की प्राथमिकता रहेगी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भी इसके निर्देश दिए हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने इसी माह लोक परिवहन सेवा की तैयारियों को लेकर बैठक की थी। उन्होंने मार्च के पहले बसें चलाने के लिए कहा है, पर समय सीमा एक-दो माह और आगे जा सकती है। इसमें निगरानी, प्रबंधन और यात्रियों की सुविधा के लिए आईटी प्लेटफॉर्म का अधिकाधिक उपयोग किया जाएगा। बड़े शहरों के बाद सरकार की प्राथमिकता उन स्थानों के बीच बसें चलाने की हैं, जहां यात्रियों की संख्या ज्यादा है।